महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों और देवी उपासना के प्रसिद्ध केंद्रों में से एक है (Mahalakshmi Temple, Kolhapur). यह मंदिर देवी महालक्ष्मी (अम्बाबाई) को समर्पित है, जिन्हें धन, समृद्धि और शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है. मान्यता है कि यह मंदिर शाक्त परंपरा का एक महत्वपूर्ण स्थल है और इसे देवी के तीन साढ़े पीठों में गिना जाता है.
मंदिर का निर्माण लगभग 7वीं शताब्दी में चालुक्य शासकों द्वारा करवाया गया था. इसकी वास्तुकला हेमाडपंथी शैली का सुंदर उदाहरण है. काले पत्थर से निर्मित यह मंदिर अपनी भव्य नक्काशी, ऊंचे शिखर और प्राचीन मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है. गर्भगृह में विराजमान देवी महालक्ष्मी की प्रतिमा लगभग तीन फीट ऊंची है और चार भुजाओं वाली यह प्रतिमा अत्यंत अलौकिक प्रतीत होती है.
महालक्ष्मी मंदिर की एक विशेषता यह है कि किरणोत्सव के दौरान सूर्य की किरणें सीधे देवी की मूर्ति पर पड़ती हैं. यह खगोलीय और स्थापत्य चमत्कार श्रद्धालुओं को अत्यंत आकर्षित करता है. नवरात्रि, चैत्र पूर्णिमा और दीपावली के समय यहां विशेष पूजा-अर्चना और उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिनमें देश-विदेश से लाखों भक्त शामिल होते हैं.
यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. यहां प्रतिदिन होने वाली आरती, अभिषेक और पारंपरिक अनुष्ठान भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं. माना जाता है कि सच्चे मन से माँ महालक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.