कुलभूषण खरबंदा (Kulbhushan Kharbanda) फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने कलाकार है. उन्होंने सैकड़ों हिंदी और पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया है. उन्हें फिल्म 'शान' (1980) में शाकाल की निगेटिव किरदार के लिए भी जाना जाता है. 21 अक्टूबर 1944 में जन्में खरबंदा 1960 के दशक में दिल्ली में स्थित थिएटर ग्रुप 'यात्रिक' से करियर की शुरुआत की. वह 2018 में रिलीज वेबसीरीज 'मिर्जापुर' (Mirzapur) के दो सीजन में बाबूजी का किरदार निभाया है.
उन्होंने 1974 में सई परांजपे की 'जादू का शंख' से फिल्मों में कदम रखा. मुख्यधारा की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने से पहले उन्होंने कई समानांतर सिनेमा में अभिनय किया है. वह महेश भट्ट की क्लासिक 'अर्थ' (1982), एक चादर मैली सी (1986), वारिस (1988) और दीपा मेहता की एलिमेंट्स ट्रायोलॉजी के तीनों भागों- फायर (1996), अर्थ (1998) और वाटर (2005) में एक मजबूत किरदार में नजर आए थे.
वे श्याम बेनेगल की निशांत (1974), मंथन (1976), भूमिका: द रोल (1977), जुनून (1978), और कलयुग (1980) सहित गोधुली (1977) में शामिल थे. रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित शान (1980) में गंजे खलनायक शाकाल की भूमिका निभाते हुए, उन्होंने मुख्यधारा के सिनेमा में अपना कदम रखा. खरबंदा ने शक्ति (1982), घायल (1990), जो जीता वही सिकंदर (1992), गुप्त (1997), बॉर्डर (1997), यस बॉस (1997) और रिफ्यूजी (2000) में काम किया. हेमा मालिनी के साथ, उत्सव (1984), गिरीश कर्नाड द्वारा, मंडी (1983), त्रिकाल (1985), सुस्मान (1987), श्याम बेनेगल द्वारा, नसीम (1995), सईद अख्तर मिर्ज़ा द्वारा और मानसून वेडिंग (2001) मीरा नायर द्वारा निर्देशित में नजर आए.