कलिम्पोंग (Kalimpong) पश्चिम बंगाल राज्य का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन और कालींपोंग जिले का मुख्यालय है. यह समुद्र तल से लगभग 1,250 मीटर (4,101 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह इलाका गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) के अधीन आता है, जो पश्चिम बंगाल सरकार के भीतर एक अर्ध-स्वायत्त प्रशासनिक निकाय है.
कलिम्पोंग की खासियत सिर्फ इसकी प्राकृतिक सुंदरता ही नहीं है, बल्कि यहां की संस्कृति, शिक्षा, बौद्ध धरोहर और हॉर्टिकल्चर (उद्यानिकी) भी है.
ब्रिटिश काल में कलिम्पोंग एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक और व्यापारिक केंद्र रहा है. कभी यह भारत और तिब्बत के बीच व्यापार का प्रमुख द्वार हुआ करता था, जब तक कि चीन द्वारा तिब्बत के अधिग्रहण और सिनो-इंडियन युद्ध के बाद यह मार्ग बंद नहीं हो गया.
कलिम्पोंग नगर एक रिज पर बसा है जो दो पहाड़ियों - दिओलो हिल (Deolo Hill) और दुर्पिन हिल (Durpin Hill) को जोड़ता है.
दिओलो हिल कालींपोंग का सबसे ऊंचा बिंदु है, जिसकी ऊंचाई 1,704 मीटर (5,591 फीट) है, जबकि दुर्पिन हिल 1,372 मीटर (4,501 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. नीचे घाटी में बहती तीस्ता नदी इस इलाके को सिक्किम राज्य से अलग करती है.
यहां की मिट्टी लाल रंग की होती है और पहाड़ों की ढलानों पर मानसून के समय भूस्खलन आम बात है. साफ मौसम में यहां से कंचनजंगा पर्वत (8,586 मीटर) का भव्य दृश्य दिखाई देता है, जो दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है.
कलिम्पोंग अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सुहावने मौसम और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां का मुख्य आकर्षण है जांग धोक पलरी फोडांग मठ (Zang Dhok Palri Phodang Monastery), जिसमें दुर्लभ तिब्बती बौद्ध ग्रंथों का संग्रह है.
यहां का कलिम्पोंग साइंस सेंटर (Kalimpong Science Centre) भी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जिसे 2008 में दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल के अंतर्गत स्थापित किया गया था. यह केंद्र स्थानीय छात्रों और आम नागरिकों में वैज्ञानिक चेतना बढ़ाने का कार्य करता है.
कलिम्पोंग का हॉर्टिकल्चर (उद्यानिकी) उद्योग भी बेहद प्रसिद्ध है. यहां के ऑर्किड और हिमालयी फूलों की नर्सरी न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं. फूलों के बल्ब, कंद और जड़ों का निर्यात यहां की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
कलिम्पोंग की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का सबसे बड़ा योगदान है. गर्मी और बसंत के मौसम में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है.
2011 की जनगणना के अनुसार, कालींपोंग की कुल आबादी 42,988 थी, जिसमें 52% पुरुष और 48% महिलाएं थीं. साक्षरता दर 79% थी, जो राष्ट्रीय औसत 59.5% से अधिक है। पुरुष साक्षरता 84% और महिला साक्षरता 73% दर्ज की गई. कुल आबादी में लगभग 8% बच्चे छह वर्ष से कम आयु के थे. अनुसूचित जाति की संख्या 5,100 और अनुसूचित जनजाति की संख्या 5,121 थी.
कलिम्पोंग के बाहरी इलाके में भारतीय सेना की 27 माउंटेन डिवीजन स्थित है, जो इस क्षेत्र की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती है.
यह शहर पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमा के पास होने के कारण सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है.