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जिरिबाम

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जिरिबाम 

जिरिबाम (Jiribam) भारत के मणिपुर राज्य का एक जिला है जिसका गठन साल 2016 में इंफाल पूर्व जिले का विभाजन करके किया गया था. इस जिले का मुख्यालय जिरिबाम शहर में है. इसका क्षेत्रफल 232 वर्ग किलोमीटर है (Jiribam Geographical Area).

2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक जिरिबाम की जनसंख्या (Population) लगभग 44 हजार है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 190 लोग रहते हैं (Density). इस जिले का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 945 है. यहां की 73.11 फीसदी जनसंख्या साक्षर है (Jiribam Literacy).

जिरिबाम का दर्ज इतिहास ब्रिटिश औपनिवेशिक काल का है. 19वीं शताब्दी की शुरुआत में, कई जनजातियां और धार्मिक समूह जिरी नदी के किनारे के क्षेत्र में पलायन करने लगे. इस वक्त, जिरिबाम एक प्रमुख व्यापार केंद्र था. इस क्षेत्र पर 1891 से 1941 तक महाराजा मीडिंगंगु चुराचंद का शासन था. 1907 में, महाराजा की सहायता के लिए मणिपुर राज्य दरबार की स्थापना की गई थी. चुराचंद के बेटे, महाराजा बोधचंद्र सिंह ने 1941 से 1955 तक इस क्षेत्र पर शासन किया. ब्रिटेन से स्वतंत्रता के बाद, 2 सितंबर 1949 को भारत सरकार और मणिपुर के महाराजा के बीच समझौता हुआ, जिसके परिणामस्वरूप  मणिपुर का क्षेत्र 15 अक्टूबर 1949 को भारत में मिला दिया गया था (Jirirbam History).

2017 में, बंगाली समुदाय के मणिपुर विधान सभा चुनाव के उम्मीदवार, मोहम्मद अशब उद्दीन, चुनाव जीतने वाले जिरिबाम अल्पसंख्यक समुदाय के पहले सदस्य बने.

जिरिबाम रेलवे स्टेशन मणिपुर का पहला रेलवे स्टेशन था. यह स्टेशन सिलचर को कनेक्टिविटी प्रदान करता है. जिरिबाम को 111 किलोमीटर जिरीबाम-तुपुल-इंफाल रेलवे लाइन के जरिए इंफाल से जोड़ा जाएगा. लाइन चालू होने के बाद राजधानी एक्सप्रेस, सुपरफास्ट जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें इससे गुजरेंगी (Jiribam railway Connectivity).

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