गुप्ता ब्रदर्स
गुप्ता ब्रदर्स (Gupta Brothers) दक्षिण अफ्रीका में एक बारतीय मूल के व्यवसायी हैं (Gupta Brothers Business in South Africa ). गुप्ता परिवार के भाई अजय, अतुल और राजेश गुप्ता ने अपना एक बिजनेस अफ्रीका में स्थापित किया. साथ ही, इनके भतीजे वरुण, अमेरिका स्थित आशीष और अमोल भी साथ हैं. यह परिवार कंप्यूटर उपकरण, मीडिया और खनन में फैले एक व्यापारिक साम्राज्य का मालिक है.
2016 में, अतुल गुप्ता JSE-सूचीबद्ध होल्डिंग्स के आधार पर R10.7 बिलियन की अनुमानित कुल संपत्ति के साथ, दक्षिण अफ्रीका में सातवें सबसे धनी व्यक्ति बन गए (Gupta Brothers Property).
2022 में अतुल और राजेश गुप्ता पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे और इनकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया था. दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात के बीच प्रत्यर्पण के समझौते के बाद भाइयों को कथित तौर पर 6 जून 2022 को दुबई में गिरफ्तार किया गया (Gupta Brothers Arrested in Dubai).
यह परिवार 1993 में सहारा कंप्यूटर स्थापित करने के लिए भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश से दक्षिण अफ्रीका चले गए. वे सहारा एस्टेट के सैक्सनवॉल्ड, जोहान्सबर्ग में कम से कम चार हवेली के मीलिक थें. 2016 तक जब वे दुबई, संयुक्त अरब अमीरात के लिए दक्षिण अफ्रीका छोड़ दिया (Gupta Brothers Mansions in Sahara Estate).
गुप्ता ब्रदर्स के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ उनके घनिष्ठ संबंध थे. जिसके परिणामस्वरूप बहुत राजनीतिक विवाद हुआ. जुमा के साथ उनके मजबूत संबंध, व्यक्तिगत रूप से और उनकी कंपनी ओकबे इन्वेस्टमेंट्स के माध्यम से, भ्रष्टाचार और अनुचित प्रभाव के आरोप लगे. इन संबंधों की वजह से उनपर राज्य पर कब्जा करने के आरोप भी लगे. साथ ही, यह आरोप लगाया गया कि सरकार ने गुप्ता ब्रदर्स के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ के लिए, गतिविधियों और निर्णयों में समझौता किया है (Gupta Brothers with Jacob Zuma).
भारत और दक्षिण अफ्रीका की जांच एजेंसियां अब एक साथ मिलकर गुप्ता ब्रदर्स के नेटवर्क पर शिकंजा कस रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग और राजनीतिक पहुंच का खेल, जो जोहांसबर्ग से दुबई होते हुए दिल्ली तक फैला था, अब ईडी के निशाने पर है. वर्ल्ड विंडो ग्रुप और शेल कंपनियों के जरिए फैले इस काले धन के जाल को सुलझाना दोनों देशों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.