गुलाब जामुन (Gulab Jamun) भारतीय मिठाइयों का एक ऐसा नाम है, जो हर किसी के मुंह में पानी ला देता है. चाहे त्योहार हो, शादी या किसी खास अवसर की खुशी, गुलाब जामुन हर मिठाई प्रेमी के लिए पहली पसंद होता है. इसकी नरम और रसीली बनावट, और शहद जैसे सिरप में डूबा स्वाद इसे हर उम्र के लोगों के लिए आकर्षक बनाता है.
गुलाब जामुन की उत्पत्ति भारत में मानी जाती है, हालांकि इसके विभिन्न रूप नेपाल, पाकिस्तान और बंगाल में भी प्रचलित हैं. कहा जाता है कि यह मिठाई फारसी व्यंजनों से प्रभावित होकर भारत में विकसित हुई. पारंपरिक रूप से इसे खोया (मावा) से बनाया जाता है और गुलाब या केसर के स्वाद से समृद्ध किया जाता है.
गुलाब जामुन बनाने के लिए सबसे पहले खोया या मावा को अच्छी तरह से मथकर उसमें थोड़ी आटा मिलाया जाता है. इसके छोटे-छोटे गोले बनाकर उन्हें धीमी आंच में घी या तेल में तला जाता है. फिर इन्हें चीनी और गुलाब जल से बने गर्म सिरप में डुबोया जाता है. इस प्रक्रिया से गुलाब जामुन की मिठास और नर्मी दोगुनी हो जाती है.
हालांकि गुलाब जामुन स्वाद में बेहद लाजवाब होता है, इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में शुगर और कैलोरी होती है. परंपरागत रूप से इसे खास अवसरों पर ही परोसा जाता है.
आजकल गुलाब जामुन की कई आधुनिक विविधताएं भी देखने को मिलती हैं। जैसे कि चीज गुलाब जामुन, चॉकलेट गुलाब जामुन, स्टफ्ड गुलाब जामुन, और सोने-चांदी के वर्क से सजाए गए जामुन. यह मिठाई हर उम्र के लोगों को लुभाती है.