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गोमुख

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गोमुख 

गोमुख (Gomukh or Gaumukh) गंगोत्री (Gangotri Glacier) ग्लेशियर का अंतिम किनारा और भागीरथी नदी का स्रोत (Source of the Bhagirathi River) है, जो गंगा नदी की प्रधान स्रोतधारा (Primary Headstreams of the Ganga River) है. यह स्थान भारत के उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले में 13,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह गंगोत्री से लगभग 18 किलोमीटर दूर है. इस पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल तक ट्रेकिंग करके पहुंचा जा सकता है.

पुराणों में गोमुख का कई जगह उल्लेख मिलता है. कहा जाता है कि खोई हुई भेड़ की तलाश में एक लड़का गंगोत्री में एक हिमनद के पास पहुंचा, जिसका थूथन बिल्कुल गाय के चेहरे जैसा दिखता था, और इस तरह इसका नाम 'गोमुख' पड़ा. तब से कई पवित्र साधु और संत वहां पूजा करने के लिए गए.

1972 में, मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री (Prime Minister of Mauritius) सर शिवसागर रामगुलाम (Sir Seewoosagur Ramgoolam) ने गोमुख से पवित्र गंगा जल लाया और इसे मॉरीशस में ग्रैंड बेसिन (Grand Bassin) के पानी के साथ मिलाया और मॉरीशस के हिंदुओं (Mauritian Hindus) के लिए इसका नाम बदलकर गंगा तालाब (Ganga Talao) रख दिया. 

2013 में, उत्तराखंड में बादल फटने (Cloudburst) से ग्लेशियर पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थीं. 26 जुलाई 2016 को, उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद, यह बताया गया कि गोमुख का अगला सिरा नहीं रहा, क्योंकि ग्लेशियर का एक बड़ा हिस्सा बह गया था.
 

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