महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर न केवल एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, बल्कि आस्था, श्रद्धा और सामाजिक सेवा का एक जीवंत प्रतीक भी है. यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं (Dagdusheth Halwai Ganpati Temple, Pune).
इस मंदिर की स्थापना 1893 में दगडूशेठ हलवाई और उनकी पत्नी लक्ष्मीबाई ने की थी. अपने बेटे के असमय निधन के बाद उन्होंने गणपति की मूर्ति की स्थापना की और तभी से यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन गया. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने भी इस मंदिर से जुड़े गणेशोत्सव को सार्वजनिक स्वरूप देने में अहम भूमिका निभाई थी.
दगडूशेठ गणपति की मूर्ति लगभग 7.5 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी है, जिसे शुद्ध सोने के आभूषणों से सजाया जाता है. खास बात यह है कि भगवान गणेश की मूर्ति देखने में अत्यंत मनोहारी और चमत्कारी मानी जाती है. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मुरादें अवश्य पूरी होती हैं.
गणेश चतुर्थी और गणेश विसर्जन के दौरान मंदिर की भव्यता देखने लायक होती है. इस समय मंदिर को फूलों, रोशनी और आकर्षक सजावट से सजाया जाता है. भजन-कीर्तन, आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है.
दगडूशेठ हलवाई गणपति ट्रस्ट सामाजिक कार्यों में भी अग्रणी है. शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और आपदा राहत जैसे कई कार्यों में ट्रस्ट सक्रिय भूमिका निभाता है. कोरोना काल में भी ट्रस्ट ने जरूरतमंदों की खुलकर सहायता की थी.