एक सीटी स्कैन (CT Scan) या कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (Computed tomography scan) एक मेडिकल इमेजिंग तकनीक है जिसका उपयोग रेडियोलॉजी (X Ray) में किया जाता है ताकि शरीर की अंदर के इमेज को प्राप्त किया जा सके. जो सीटी स्कैन करने वाले को रेडियोग्राफर या रेडियोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट कहा जाता है (Radiographers or Radiology Technologists).
सीटी स्कैनर एक रोटेटिंग एक्स-रे ट्यूब (rotating X-ray) और गैन्ट्री में रखे डिटेक्टरों की एक लाइन होती है जो शरीर के अंदर विभिन्न ऊतकों द्वारा एक्स-रे को मापने के लिए करते हैं. विभिन्न कोणों से लिए गए कई एक्स-रे मापों को एक शरीर के टोमोग्राफिक (क्रॉस-सेक्शनल) इमेज बनाने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करके कंप्यूटर पर प्रोसेस किया जाता है. metallic implants या pacemakers वाले रोगियों में सीटी का उपयोग किया जा सकता है, जिनके लिए एमआरआई को contraindicated है.
सीटी स्कैन का विकास 1970 के दशक में हुआ था, जो एक बहुमुखी इमेजिंग तकनीक साबित हुई है. जबकि diagnostic medicine में सीटी का सबसे प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है. 1979 में दक्षिण अफ्रीकी-अमेरिकी भौतिक विज्ञानी एलन एम कॉर्मैक और ब्रिटिश इलेक्ट्रिकल इंजीनियर गॉडफ्रे एन. हौंसफील्ड को "कंप्यूटर-समर्थित टोमोग्राफी के विकास के लिए" संयुक्त रूप से फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था (Nobel Prize in Physiology or Medicine).
सोशल मीडिया पर एक डिवाइस बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि इस तकनीक से एक्स रे और सीटी स्कैन का इस्तेमाल खत्म हो सकता है. क्योंकि इससे 3D स्कैनिंग की जा सकती है. आखिर क्या है इन दावों की सच्चाई? देखें आजतक फैक्ट चेक.