चंदेल
चंदेल (Chandel) भारतीय गणराज्य के प्रांत मणिपुर (Manipur) का एक जिला है और यह इस जिले का मुख्यालय भी है. इस जिले का क्षेत्रफल 3,313 वर्ग किलोमीटर है (Geographical Area).
चंदेल जिले में कुल 2 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं (Chandel Assembly Constituency).
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक चंदेल की जनसंख्या (Chandel Population) लगभग 1.5 लाख है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 44 लोग रहते हैं (Density). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 933 है. चंदेल की साक्षरता दर 71.11 फीसदी है, जिनमें पुरुषों की साक्षरता 77.78 और महिलाओं की साक्षरता 63.96 प्रतिशत है (Chandel literacy).
चंदेल जिला 13 मई, 1974 को अस्तित्व में आया. इसके पड़ोसी दक्षिण और पूर्व में म्यांमार, उत्तर में उखरूल जिला, दक्षिण और पश्चिम में चुराचंदपुर जिला और उत्तर में थौबल जिला हैं. यह इंफाल से लगभग 64 किलोमीटर दूर स्थित है और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 39 इस जिले से होकर गुजरता है (Geographical Location).
इस जिले में कई अलग-अलग समुदाय बसे हुए हैं. यहां लगभग 20 विभिन्न जनजातियां बसी हुई है. जिले की प्रमुख जनजातियों में अनल, लमकांग, कूकी, मोयोन, मोनसांग, चोथे, थडौ, पाइटे, मरिंग और जू आदि हैं. गैर-मणिपुरी जैसे नेपाली, तमिल, बंगाली, पंजाबी और बिहारी भी इस जिले में बसे हैं (Chandel Communities).
पिछड़े जिलों में से एक माने जाने वाले चंदेल देश की सुरक्षा के मामले में भी पीछे नहीं हैं. भारत के शहीदों की सूची में शामिल कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले चरा निकोलस मायन, एस. जेमिथांग और एनएल बेनिंगवीर मेयोन शामिल थे (Chandel Martyrs).
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