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बुद्धदेब भट्टाचार्य

बुद्धदेब भट्टाचार्य

बुद्धदेब भट्टाचार्य

बुद्धदेब भट्टाचार्य, राजनेता

बुद्धदेब भट्टाचार्य  (Buddhadeb Bhattacharjee) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य हैं. वह 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे हैं (Former Chief Minister of West Bengal). मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान की घटनाओं में तृणमूल कांग्रेस (TMC), सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (Socialist Unity Centre of India) और इंडियन नेशनल कांग्रेस (Indian National Congress) के संयुक्त विरोध के कारण टाटा मोटर्स (Tata Motors) द्वारा बंगाल छोड़ने के बाद पश्चिम बंगाल के औद्योगीकरण के लिए सिंगूर में भूमि अधिग्रहण विवाद (Land acquisition Dispute in Singur), नंदीग्राम घटना (Nandigram Incident) और नेताई घटना (Netai Incident) शामिल थे.

1944 में उत्तरी कलकत्ता में जन्मे बुद्धदेब भट्टाचार्य एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं (Buddhadeb Bhattacharjee Date of Birth). क्रांतिकारी कवि सुकांत भट्टाचार्य उनके पिता के चचेरे भाई थे (Family). बुद्धदेब की स्कूली शिक्षा शैलेंद्र सरकार विद्यालय से हुई है और उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में बंगाली साहित्य से ऑनर्स की डिग्री हासिल की है (Buddhadeb Bhattacharjee Education). बाद में वे एक प्राथमिक सदस्य के रूप में सीपीआई (एम) CPI(M) में शामिल हो गए.

वह 13 मई 2011 तक चौबीस वर्षों के लिए जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र (Jadavpur constituency) के विधायक थे, जब वे 2011 के पश्चिम बंगाल चुनाव में 16,684 मतों से ऐतिहासिक रूप से अपनी ही सरकार के पूर्व मुख्य सचिव, मनीष गुप्ता से हार गए थे. वह 1967 में प्रफुल्ल चंद्र सेन (Prafulla Chandra Sen) के बाद अपने ही निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हारने वाले बुद्धदेब, पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री हैं (Buddhadeb Bhattacharjee Defeats).

जनवरी 2006 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) ने कोलकाता (Kolkata) में साल्ट लेक सिटी टाउनशिप (Salt Lake City Township) में किए गए भूमि आवंटन के संबंध में बुद्धदेव भट्टाचार्य और अन्य सहित वाम मोर्चा सरकार के मंत्रियों को नोटिस जारी किया था.

पूर्वी मिदनापुर के नंदीग्राम (Nandigram) में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए बुद्धदेव भट्टाचार्य की सरकार की भारी आलोचना हुई थी. न केवल विपक्षी दलों जैसे तृणमूल कांग्रेस (TMC), डेमोक्रेटिक सोशलिज्म पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी लिबरेशन, भारतीय कम्युनिस्ट क्रांतिकारी लीग और अन्य वाम मोर्चा गठबंधन सहयोगियों द्वारा उनकी आलोचना की गई थी. उनके गुरु और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु सहित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) और फॉरवर्ड ब्लॉक, ने इस मुद्दे पर मंत्रालय से पीछे हटने की धमकी दी थी. साथ ही मार्च 2007 को ज्योति बसु ने नंदीग्राम में पुलिस को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए भट्टाचार्य की आलोचना की थी (Buddhadeb Bhattacharjee Controversies).
 

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