हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित बैजनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन और अत्यंत प्रसिद्ध तीर्थस्थल है. यह मंदिर विशेष रूप से भगवान शिव के वैद्यनाथ रूप के लिए जाना जाता है, जिन्हें रोगों का नाश करने वाला माना जाता है. इसी कारण यहां देश-विदेश से श्रद्धालु स्वास्थ्य और मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं (Baijnath Temple, Himachal Pradesh).
इतिहास की माने तो बैजनाथ मंदिर का निर्माण 1204 ईस्वी में कटोच वंश के दो स्थानीय शासकों- अहुका और मन्युका द्वारा करवाया गया था. मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारतीय नागर शैली में निर्मित है, जो उस समय की उत्कृष्ट शिल्पकला का उदाहरण प्रस्तुत करती है. पत्थरों पर की गई नक्काशी और मंदिर की मजबूत संरचना इसे ऐतिहासिक और स्थापत्य दृष्टि से भी खास बनाती है.
यह मंदिर बिनवा नदी के किनारे स्थित है और चारों ओर फैली धौलाधार पर्वतमाला इसकी सुंदरता को और बढ़ा देती है. शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य इसे आध्यात्मिक साधना के लिए आदर्श स्थल बनाते हैं. मंदिर परिसर में भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी की प्रतिमा भी स्थापित है.
बैजनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व महाशिवरात्रि के दौरान और अधिक बढ़ जाता है. इस अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं. सावन मास में भी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक किया जाता है.
इतिहासकारों के अनुसार, यह मंदिर कई भूकंपों और प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद आज भी मजबूती से खड़ा है, जो इसकी अद्भुत निर्माण कला को दर्शाता है. वर्तमान में यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है.हैं।