बाबुल नाथ मंदिर (Babul Nath Temple), मुंबई स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है. यह गिरगांव चौपाटी के पास एक छोटी पहाड़ी पर स्थित, जो शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. बाबुल के पेड़ के भगवान के रूप में शिव इस मंदिर में मुख्य देवता हैं (Shiv Temple in Mumbai).
भक्त शिवलिंग के दर्शन करते हैं और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए लिफ्ट की सुविधा भी प्रदान की जाती है. हर साल महाशिवरात्रि उत्सव पर लाखों श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन के लिए आते हैं (Babul Nath Temple Shivlinga).
बाबुलनाथ मंदिर शिवलिंग और मूर्तियों को मूल रूप से 12वीं शताब्दी में क्षेत्र के तत्कालीन राजा भीमदेव ने प्रतिष्ठित किया था. समय के साथ मंदिर खोता चला गया. 1700 से 1780 की अवधि के दौरान मूर्तियों को फिर से खोजा गया. पहला मंदिर 1780 में बनाया गया था.
दोबारा की गई खुदाई पर, 5 मूल मूर्तियां निकाली गईं. मुख्य शिवलिंग, गणेश, हनुमान, पार्वती और एक और मूर्ति जो खंडित हो गई थी. इसमें से पहले चार मंदिर में हैं. पांचवां समुद्र में है, क्योंकि18वीं शताब्दी में खुदाई के दौरान यह टूट गया था. 21वीं सदी आते आते यह मंदिर पूरे भारत में बहुत प्रसिद्ध मंदिर बन गया, जहां लाखों भक्त आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं (Babul Nath Temple History).
ब्रिटेन में संचालित एक धर्मार्थ संगठन लंदन में भगवान जगन्नाथ के पहले मंदिर के निर्माण की योजना बना रहा है. इसके लिए ओडिशा मूल के एक उद्यमी ने समर्थन करते हुए 2.5 करोड़ पौंड देने को कहा है. चैरिटी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, एक उपयुक्त भूमि की पहचान की गई है और मौजूदा समय में वह खरीद के अंतिम चरण में है.