scorecardresearch
 
Advertisement

अनंत चतुर्दशी

अनंत चतुर्दशी

अनंत चतुर्दशी

अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) हिंदुओं और जैनियों द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है. अनंत चतुर्दशी दस दिवसीय गणेशोत्सव के अंतिम दिन को अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है. इसी दिन गणेश विसर्जन भी होता है. कई स्थानों पर इसे गणेश चौदस भी कहा जाता है. इस दिन भक्त अनंत चतुर्दशी पर पानी में उनकी मूर्तियों को विसर्जित करके देवता गणेश को विदा करते हैं.

अनंत चतुर्दशी चतुर्दशी चंद्र पखवाड़े का 14वां दिन है. सामान्य तौर पर अनंत चतुर्दशी गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद आती है. इस साल यह 6 सितंबर को मनाया जाएगा.

नेपाल, बिहार और पूर्वी यूपी के कुछ हिस्सों में, त्योहार क्षीरा सागर यानी दूध का सागर और विष्णु के अनंत रूप से निकटता से जुड़ा हुआ है. इस दिन कुमकुम या सिंदूर के 14 तिलक लकड़ी के तख्ते पर बनाए जाते हैं. सिंदूर की पट्टियों पर चौदह पूरी और 14 पूआ रखी जाती है. एक लकड़ी के तख्त पर दूध के सागर का प्रतीक पंचामृत रखा जाता है. एक खास तरह का 14 गांठों वाला धागा, विष्णु के अनंत रूप का प्रतीक माना जाता है, इसे एक ककड़ी पर लपेटा जाता है और पंचामृत में पांच बार घुमाया जाता है. बाद में यह अनंत धागा पुरुषों द्वारा कोहनी के ऊपर दाहिने हाथ पर बांधा जाता है. महिलाएं इसे अपने बाएं हाथ में बांधती हैं (Special Thread on Anant Chaturdashi). यह अनंत धागा 14 दिनों के बाद हटा दिया जाता है (Anant Chaturdashi Worship).

और पढ़ें

अनंत चतुर्दशी न्यूज़

Advertisement
Advertisement