टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने समझाया कि टीम प्रबंधन ने संजू सैमसन को बाहर बैठाकर जितेश शर्मा को खिलाने का सही फैसला क्यों लिया. बता दें कि कटक में खेले गए भारत-साउथ अफ्रीका के बीच पहले टी20 में संजू सैमसन को प्लेइंग इलेवन से बाहर किया गया. उनकी जगह जितेश शर्मा को मौका मिला.
सैमसन, जिन्होंने टी20 में भारत के लिए ओपनर के तौर पर शानदार प्रदर्शन किया था, अचानक से प्लेइंग इलेवन से बाहर हो गए हैं. जैसे ही शुभमन गिल उप-कप्तान के रूप में टीम में लौटे, सैमसन को मध्य क्रम में धकेल दिया गया, जहां वह वह निरंतरता नहीं दिखा पाए जो उन्होंने ओपनिंग करते हुए दिखाई थी.
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साल 2024 में सैमसन ने तीन शतक लगाए थे और 436 रन बनाए थे, औसत 43.6 और स्ट्राइक-रेट 180.16 के साथ. लेकिन इस साल उन्होंने 14 मैचों में सिर्फ 185 रन बनाए हैं, औसत 18.5 और स्ट्राइक-रेट 120.91 के साथ. यह गिरावट केरल के विकेटकीपर को पिछले तीन मैचों से बाहर रखने का कारण बनी, और उनकी जगह जितेश को टीम में शामिल किया गया.
क्या बोले दीप दासगुप्ता
दासगुप्ता ने कहा कि अगर सैमसन शीर्ष तीन में नहीं खेलते और अगर भारत विकेटकीपर को निचले क्रम में खिलाना चाहता है, तो इस भूमिका के लिए जितेश सबसे बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि वह उसी में विशेषज्ञ हैं.
उन्होंने कहा, 'यह बिल्कुल सही फैसला है. अगर संजू शीर्ष तीन में नहीं हैं और अगर विकेटकीपर को मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करनी है, तो बेहतर यह है कि आप उसी भूमिका का विशेषज्ञ खिलाएं न कि किसी टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज़ को नीचे भेजें.
भारत फरवरी में होने वाले टी20 विश्व कप से पहले नौ और मैच खेलेगा.चार दक्षिण अफ्रीका से और 5 न्यूज़ीलैंड से. दासगुप्ता का कहना है कि वह टीम में बहुत ज़्यादा बदलावों की उम्मीद नहीं करते. इसका मतलब यह है कि सैमसन फिर से बेंच पर बैठे रह सकते हैं.