भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-2 से हार झेलनी पड़ी थी. टेस्ट सीरीज में इस करारी हार के बाद ये अफवाहें उड़ रहीं थी कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) विराट कोहली को फिर से टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए मना सकता है. कोहली ने इस साल 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी.
अब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली को लेकर बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने बड़ा बयान दिया है. सैकिया ने aajtak.in से बात करते हुए कहा- विराट कोहली को लेकर जो कुछ कहा जा रहा है, वो बस अफवाह है. कोहली से इस बारे में कोई बात नहीं हुई. अफवाहों पर बात मत कीजिए. ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.
क्रिकबज की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बोर्ड के अंदर यह विचार घूमना शुरू हो गया है कि विराट कोहली से संपर्क कर उनसे टेस्ट से संन्यास वापस लेने की गुजारिश की जाए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि हाल ही में रिटायर हुए एक खिलाड़ी अपने टेस्ट भविष्य पर पुनर्विचार के लिए तैयार हो सकते हैं. साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-2 से क्लीन स्वीप के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर ने टीम की नाकामी का कारण ट्रांजिशन फेज बताया था.
कोहली ने कब किया था टेस्ट डेब्यू?
विराट कोहली ने जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में अपना टेस्ट डेब्यू किया था. पहली पारी में उन्होंने 4 रन और दूसरी पारी में 15 रन बनाए थे. शुरुआती विफलताओं के बाद कोहली ने जिस तरह टेस्ट में खुद को स्थापित किया, वह भारतीय क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी कहानियों में से एक बन गया. कोहली का आखिरी टेस्ट जनवरी 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर था.
विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर में 123 मैच खेलकर 9230 रन बनाए और उनका औसत 46.85 रहा. टेस्ट में कोहली ने 30 शतक और 31 अर्धशतक लगाए. कोहली ने 7 दोहरे शतक भी जड़े. वह आधुनिक टेस्ट क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद और दमदार बल्लेबाजों में गिने जाते हैं. कोहली का जुनून, फिटनेस और बैटिंग क्लास ने प्रशंसकों को टेस्ट क्रिकेट से जोड़कर रखा था. क्रिकेट के महान खिलाड़ी सर विवियन रिचर्ड्स ने भी माना था कि कोहली ने युवाओं में टेस्ट क्रिकेट के लिए नया आकर्षण पैदा किया.
कप्तान के रूप में विराट कोहली का रिकॉर्ड ऐतिहासिक रहा है. कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम कप्तानी की. इस दौरान भारत को 40 टेस्ट मैचों में जीत मिली. जब कोहली ने कप्तानी संभाली, भारत टेस्ट रैंकिंग में सातवें स्थान पर था. कुछ ही वर्षों में उन्होंने टीम को नंबर-1 पोजीशन पर पहुंचाया और उसे लंबे समय तक शीर्ष पर बनाए रखा. भारत के टेस्ट इतिहास में इतना सफल कप्तानी रिकॉर्ड किसी और के नाम नहीं है.