ISRO EOS-3 Launch Live (Photo- ISRO) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो (ISRO) आज सुबह 5.45 पर सैटेलाइट EOS-3 लॉन्च कर रहा है. यह सैटेलाइट एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है जिसकी नजर अंतरिक्ष से भारत की सीमाओं पर रहेगी. यही वजह है कि इसे 'आई इन द स्काई' कहा जा रहा है. सीमा सुरक्षा के काम में भी यह सैटेलाइट बेहद मददगार साबित होने वाली है. इस जियो इमेजिंग सैटेलाइट का नाम EOS-3 (Earth Observation Satellite-3/Geosynchronous Satellite Launch Vehicle F10) है. यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं और मौसम संबंधी रियल टाइम जानकारी देगा. इसके जरिए जलीय स्रोतों, फसलों और जंगलों में हो रहे बदलावों के बारे भी जानकारी मिली. इसका मिशन पीरियड 10 साल होगा. ऐसा पहली बार हो रहा है कि इसरो 5.45 बजे अपना कोई सैटेलाइट लॉन्च कर रहा है. लॉन्चिंग के लिए GSLV-MK2 रॉकेट का उपयोग किया जा रहा है. इस रॉकेट को श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर पर मौजूद दूसरे लॉन्च पैड से छोड़ा जा रहा है.
इसरो ने लॉन्चिंग सुबह 5.43 बजे सफलतापूर्वक की. सारे स्टेज अपने तय समय अलग होते चले गए. पूरी यात्रा 18.39 मिनट की थी. लेकिन आखिरी में EOS-3 के अलग होने से पहले क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खराबी आई, जिसकी वजह से इसरो को आंकड़ें मिलने बंद हो गए. लाइव प्रसारण में दिखाई पड़ा कि वैज्ञानिक परेशान हो रहे थे. थोड़ी देर जांच करने के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर में बैठे इसरो चीफ डॉ. के. सिवन को इसकी जानकारी दी गई. उसके बाद घोषणा की गई कि EOS-3 मिशन आंशिक रूप से विफल हो गया है. लाइव प्रसारण बंद कर दिया गया.
सुबह 5.43 बजे इसरो ने EOS-3 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. सारे स्टेज सही समय पर अलग होते चले गए. लेकिन क्रायोजेनिक इंजन से आंकड़ें नहीं मिल रहे थे. वैज्ञानिकों के चेहरे पर तनाव का माहौल.

इसरो चीफ डॉ. के. सिवन की अनुमति के बाद मिशन डायरेक्टर और लॉन्च व्हीकल डायरेक्टर ने ऑटोमैटिक लॉन्च सिक्वेंस की घोषणा कर दी है. अब लॉन्च से संबंधित सारे काम कंप्यूटर करेगा. कंप्यूटर पर सारे लॉन्च सिक्वेंस को पहले ही फीड कर दिया जाता है. जिसके अनुसार रॉकेट और सैटेलाइट अपना काम करते हैं.

श्रीहरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर के मिशन कंट्रोल सेंटर में वैज्ञानिक अपने-अपने कंसोल पर तकनीकी आंकड़ों की जांच कर रहे हैं. यह इसरो द्वारा इस साल छोड़े जाने वाला दूसरा सैटेलाइट है. लॉन्च में अब सिर्फ 15 मिनट बचे हैं.

इसरो के श्रीहरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर से EOS-3 सैटेलाइट के लॉन्च का लाइव प्रसारण शुरु हो चुका है. सारे तकनीकी जांचों को वैज्ञानिक आखिरी बार चेक कर रहे हैं. इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग सुबह 5.43 बजे होगी.
यह GSLV रॉकेट की 14वीं उड़ान है. इसके अलावा स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ यह 8वीं उड़ान है. सतीश धवन स्पेस सेंटर शार (SDSC SHAR) का 79वां लॉन्च व्हीकल मिशन है. इस रॉकेट को श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर पर मौजूद दूसरे लॉन्च पैड से छोड़ा जाएगा.
साल 1979 से लेकर अब तक 37 अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट्स छोड़े गए. इनमें से दो लॉन्च के समय ही फेल हो गए थे. इसरो पहले EOS-3 की लॉन्चिंग 5 मार्च को करने वाला था पर तकनीकी कारणों से इस टाला गया. फिर 28 मार्च और 16 अप्रैल की तारीखें भी तय की गई थीं. लेकिन इन दोनों तारीखों पर भी लॉन्चिंग नहीं हो पाई.
श्रीहरिकोटा में इस समय का तापमान 28 डिग्री सेल्सियस है. हवा की गति 5 किलोमीटर प्रतिघंटा है. आसमान में बादल हैं लेकिन बारिश या तूफान की कोई आशंका नहीं है. हवा में नमी 79 फीसदी है. यानी सैटेलाइट लॉन्चिंग में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए.
GLSV-F10 रॉकेट के क्रायोजेनिक इंजन में लिक्विड ऑक्सीजन भरने का काम पूरा. आपके बता दें कि जीएसएलवी में भारत में बने स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग किया जा रहा है. जिस स्टेज में यह लिक्विड ऑक्सीजन भरा गया है, उसे क्रायोजेनिक स्टेज (GS3) कहते हैं.