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राजस्थान में जासूसी कांड, सेना की सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया ISI एजेंसी को भेजी गईं

तकनीकी जांच में भी यह साबित हुआ कि वह पैसों के लिए महत्वपूर्ण सैन्य जानकारी ISI को दे रहा था. आधिकारिक राज अधिनियम, 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर हनीफ़ को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक हैंडलर से जुड़ा था आरोपी (सांकेतिक तस्वीर-ITG)
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक हैंडलर से जुड़ा था आरोपी (सांकेतिक तस्वीर-ITG)

राजस्थान के जैसलमेर जिले में पुलिस ने एक शख्स को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान जैसलमेर के बासनपीर जूणी निवासी हनीफ खान (47) के रूप में हुई है, जो पैसों के बदले भारतीय सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था.

राजस्थान पुलिस की सीआईडी (खुफिया) इकाई लंबे समय से राज्य में जासूसी की गतिविधियों पर नजर रख रही थी. इसी दौरान उन्हें हनीफ खान की संदिग्ध गतिविधियों का पता चला.

जांच में खुलासा हुआ कि हनीफ सोशल मीडिया के जरिए लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में था और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी पाकिस्तानी हैंडलर से लगातार संपर्क बनाए हुए था.

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान था जासूसी का खतरा, व्हाट्सएप की जगह जवानों ने इस्तेमाल किया SAMBHAV

'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी जानकारी दे रहा था

आईजी सीआईडी डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि हनीफ खान के पास सीमावर्ती क्षेत्रों तक आसान पहुंच थी. पूछताछ में यह भी पता चला कि वह 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सेना की गतिविधियों और महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी साझा कर रहा था.

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तकनीकी विश्लेषण और पूछताछ के बाद यह पुष्टि हुई कि हनीफ खान पैसों के लिए आईएसआई को महत्वपूर्ण सैन्य खुफिया जानकारी दे रहा था. पुख्ता सबूतों के आधार पर सीआईडी इंटेलिजेंस ने ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. यह इस साल जैसलमेर में जासूसी से संबंधित चौथी गिरफ्तारी है.

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