राजस्थान के हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर भड़की हिंसा के बाद हालात सुधरते नहीं दिख रहे. हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी कस्बे में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर भड़की हिंसा के बाद हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं. इलाके में तनाव बरकरार है, इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं और धारा 163 लागू है. एथेनॉल फैक्ट्री के आसपास रहने वाले करीब 30 परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है, दूसरी जगह पलायन कर चुके हैं.
टिब्बी के साथ ही आसपास के गांवों में स्कूल–कॉलेज और बाजार-दुकानें खुली हैं, लेकिन आम दिनों जैसी रौनक नहीं है. सुरक्षा के लिहाज से इलाके में भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है. पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है. किसान संगठनों ने 17 दिसंबर को भी बैठक बुलाई है. इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी के दावे कर रहा है. गौरतलब है कि एक दिन पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी.
उग्र किसानों ने राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री की दीवारें तोड़ दी थीं. गुस्साए प्रदर्शनकारी एथेनॉल फैक्ट्री के ऑफिस में भी घुस गए थे और आग लगा दी थी. इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच जमकर पथराव हुआ था. हालात बेकाबू होते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. पुलिस ने उग्र किसानों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे थे. उग्र प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने प्रोटेस्ट के दौरान 14 गाड़ियों को भी आग लगा दी थी.
किसानों के प्रोटेस्ट के दौरान 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं. यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस के विधायक अभिमन्यु पूनिया को भी सिर में चोट लगी है. किसानों और कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जातीं, यह आंदोलन जारी रहेगा. 17 दिसंबर को भी सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन स्थल के पास बने गुरुद्वारे में जुटने लगे. किसानों के जमावड़े को देखते हुए आनन-फानन में पुलिस प्रशासन ने टिब्बी और राठीखेड़ा में 1500 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ ही आरएसी और होमगार्ड के जवान तैनात कर दिए.
वहीं, सरकार का कहना है कि प्रदेश में जब अशोक गहलो की अगुवाई वाली कांग्रेस की सरकार थी, तभी ड्यून्स एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू साइन हुआ था. साल 2022 में तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने राइजिंग राजस्थान के तहत हरियाणा की इस कंपनी के साथ एमओयू पर साइन किए थे, जिसके तहत फैक्ट्री लगाने की इजाजत दी गई थी.