MP News: रायसेन जिले के रातापानी टाइगर रिजर्व में शिकार का पीछा कर रहे एक बाघ की ट्रेन की चपेट में आने और इंजन से कुछ दूर तक घसीटे जाने के बाद मौत हो गई.
यह घटना मंगलवार रात को जिले के हेडक्वार्टर से 95 किलोमीटर दूर टाइगर रिजर्व के ओबैदुल्लागंज रेंज के तहत बुधनी और मिडघाट के बीच हुई.
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक हफ्ते में इस इलाके में बाघ की दूसरी मौत है और पिछले एक साल में रातापानी रिजर्व में यह पांचवीं मौत है. अधिकारी ने कहा कि बुधनी-मिडघाट रेलवे ट्रैक वन्यजीवों के लिए खतरा बना हुआ है.
डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर हेमंत रायकवार ने रातापानी रिजर्व के सुपरिटेंडेंट मयंक राज के हवाले से बताया कि एक स्पेशल ट्रेन (नंबर 01410) से बाघ टकरा गया, जिसके बाद वह इंजन में फंस गया और 25 फीट तक घसीटा गया.
उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि बाघ शिकार पकड़ने की कोशिश करते समय ट्रेन की चपेट में आ गया था.
अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद बाघ काफी देर तक जोर-जोर से दहाड़ता रहा, जिसके बाद रेलवे कर्मचारी मौके पर पहुंचे और वन विभाग को अलर्ट किया.
चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट अशोक कुमार की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
एक अधिकारी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले एक दशक में बुधनी-बरखेड़ा रेलवे ट्रैक पर 10 बाघ, 15 तेंदुए, दो भालू और अन्य जंगली जानवर मारे गए हैं.
मध्य प्रदेश में कई टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें रातापानी, कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच और पन्ना शामिल हैं.
NTCA और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा जारी 'स्टेटस ऑफ टाइगर्स: को-प्रीडेटर्स एंड प्रे इन इंडिया-2022' रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा 785 बाघ थे, इसके बाद कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560) का नंबर आता है.