मध्य प्रदेश राजगढ़ जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भर्ती प्रक्रिया के दौरान ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने प्रशासन से लेकर आम लोगों तक को चौंका दिया है. दूसरे राज्यों के बोर्ड की संदिग्ध मार्कशीट, 90% से ज्यादा अंक और फिर भी साधारण पढ़ाई की परीक्षा में असफल अभ्यर्थी-मामले ने भर्ती सिस्टम की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी भर्ती प्रक्रिया के तहत राजगढ़ जिले में आंगनवाड़ी सहायिका के 501 और कार्यकर्ता के 28 पदों पर नियुक्ति होनी थी . जैसे ही दस्तावेज सत्यापन शुरू हुआ, वैसे ही फर्जीवाड़े की परतें खुलने लगीं.
महिला एवं बाल विकास विभाग के सामने ऐसे दर्जनों केस आए, जिनमें महिलाओं ने मध्य प्रदेश बोर्ड की जगह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, विदर्भ, दिल्ली और राजस्थान जैसे बोर्डों की मार्कशीटें लगाईं. ये मार्कशीट वेबसाइट पर तो दर्ज दिखाई दीं, लेकिन उनकी बनावट, भाषा, फॉर्मेट और सत्यापन प्रक्रिया पूरी तरह संदेह के घेरे में पाई गई.
93% अंक, लेकिन विषयों के नाम भी याद नहीं
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्याम बाबू के अनुसार, आपत्ति निराकरण समिति के सामने कई ऐसे हैरान करने वाले मामले आए, जिनसे फर्जीवाड़े की पुष्टि होती है.
एक महिला 93 प्रतिशत अंकों की मार्कशीट लेकर आई, लेकिन वह यह तक नहीं बता पाई कि उसने 12वीं में कौन-कौन से विषय पढ़े थे. एक अभ्यर्थी ने 'Arts' की जगह 'आरस' बताया. कई महिलाएं तो ऐसी पाई गईं जो साधारण हिंदी की पंक्तियां तक पढ़ नहीं सकीं, जबकि उनकी मार्कशीट पर 80 से 90 प्रतिशत अंक दर्ज थे.
पहले ही हो चुकी है FIR
मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर के निर्देश पर पहले ही एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है. साथ ही इस बार जिला शिक्षा अधिकारी को दस्तावेज़ों की गहन जांच के लिए पत्र भेजा गया है. शिक्षा विभाग की रिपोर्ट आने के बाद पूरे नेटवर्क पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
70 से ज्यादा आवेदन खारिज
महिला एवं बाल विकास विभाग ने साफ किया है कि जिन अभ्यर्थियों की मार्कशीट संदिग्ध या अमान्य पाई गई, उनके आवेदन रद्द कर दिए गए हैं. अब इनकी जगह मेरिट सूची में दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाली महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है.
ADM कोर्ट तक खुला रास्ता
विभाग ने अभ्यर्थियों को यह विकल्प भी दिया है कि यदि वे अपने दस्तावेजों को सही मानते हैं, तो जिला स्तरीय आपत्ति समिति के बाद एडीएम कोर्ट में अपील कर सकते हैं, जहां न्यायिक जांच के आदेश दिए जा सकते हैं.