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विराट-अनुष्का इस डाइट से रहते हैं फिट, Fortis डॉक्टर ने बताया- कितनी सेफ है Mono Diet?

बॉलीवुड और क्रिकेट के सितारे अनुष्का शर्मा, विराट कोहली और दिशा पाटनी अपनी फिटनेस के लिए मोनोट्रॉफिक डाइट अपनाते हैं. डॉक्टर शुभम वात्स्य ने अपने लेटेस्ट वीडियो में सेलेब्स की फेवरेट डाइट के फायदे और नुकसान बताए हैं.

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सेलेब्स के बीच मोनो डाइट काफी पॉपुलर है. (PHOTO:ITG)
सेलेब्स के बीच मोनो डाइट काफी पॉपुलर है. (PHOTO:ITG)

Celebrity Favourite Monotrophic Diet: बॉलीवुड और क्रिकेट के सितारे हमेशा अपनी फिटनेस और स्लिम फिगर को लेकर चर्चा में रहते हैं. अनुष्का शर्मा, विराट कोहली और दिशा पाटनी अपनी फिटनेस के लिए फैंस के बीच काफी पॉपुलर हैं और ये तीनो ही सेलिब्रिटी अक्सर अपनी खास डाइटिंग आदतों के बारे में बात करते हैं, लेकिन इन सभी एक चीज जो कॉमन है, वो है इनकी मोनोट्रॉफिक डाइट, जिसे सुनकर बहुत से लोग एक्साइटेड  हो जाते हैं क्योंकि इससे तेजी से वेट लॉस होता है.

हाल ही में दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोर्टिस के डॉक्टर शुभम वात्स्य ने इंस्टाग्राम वीडियो में इस डाइट के बारे में बताया. उन्होंने इसके बारे में समझाया कि यह डाइट क्या है, कैसे काम करती है और इसे अपनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

वीडियो शेयर के कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'अनुष्का शर्मा की पसंदीदा डाइट स्टाइल.अधिकतर लोग मुश्किल डाइट प्लान का पीछा करते हैं, लेकिन सच्चाई है कि कई एथलीट और सेलिब्रिटी अपने फिगर को फिट और स्लिम बनाए रखने के लिए ज्यादा अलग-अलग खाने की बजाय सीमित और सटीक खाने पर भरोसा करते हैं.' 

मोनोट्रॉफिक डाइट क्या है?

मोनोट्रॉपिक डाइट (Monotropic Diet) इस सिद्धांत पर आधारित है, इसमें हर बार केवल एक प्रकार का खाना लिया जाता है. जैसे- प एक दिन केवल फल खा सकते हैं, अगले दिन केवल सलाद या चिकन खा सकते हैं. इस तरीके से खाना खाने से अनुशासन बनाए रखना आसान हो जाता है और डाइटिंग आसान हो जाती है. 

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मोनो डाइट कैसे काम करती है?

इस डाइट में एक ही तरह का खाना खाने से शरीर जल्दी फैट को एनर्जी में बदलने लगता है और कैलोरी की मात्रा कम होने के कारण वजन घटने में मदद मिलती है. इसके अलावा, हर दिन अलग-अलग चीजें सोचने और खाने की झंझट नहीं होती, इसलिए लोग इसे आसान और अनुशासित मानते हैं. यही वजह है कि कई सेलेब्स और एथलीट इसे चुनते हैं. 

मोनो डाइट के हो सकते हैं ये नुकसान 

डॉक्टर शुभम वात्स्य बताते हैं कि मोनोट्रॉफिक डाइट में वजन कम होने का फायदा होता है, लेकिन इसे लंबे समय तक अपनाना खतरनाक हो सकता है. 

  • इस डाइट में शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते. 
  • लंबे समय तक एक ही तरह का भोजन खाने से विटामिन और मिनरल की कमी हो सकती है.
  • इससे थकान, कमजोरी और डाइजेशन की समस्याएं भी हो सकती हैं.
  • यदि लगातार मोनो डाइट अपनाई जाए तो मेटाबॉलिज्म स्लो भी हो सकता है और शरीर का सामान्य कामकाज प्रभावित हो सकता है.

डॉक्टर शुभम वात्स्य की सलाह है कि मोनोट्रॉफ़िक डाइट को कभी-कभी शॉर्ट टर्म के लिए अपनाया जा सकता है, जैसे फैट लॉस के लिए एक-दो दिन.लेकिन इसे हमेशा के लिए अपनाना हेल्थ के लिए सेफ नहीं है, बेहतर है कि इसे बैलेंस डाइट और नियमित एक्सरसाइज के साथ मिलाकर ही अपनाया जाए. 

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सेलेब्स की तरह फिट और स्लिम दिखना हर किसी का सपना हो सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि असली स्वास्थ्य और पोषण हमेशा पहले आता है. अगर आप भी मोनो डाइट को अपनाना चाहते हैं तो उससे पहले न्यूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी लें. इस तरह आप वजन घटाने के फायदे भी पा सकते हैं और शरीर को किसी भी तरह के नुकसान से बचा सकते हैं.


 

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