वक्फ संपत्तियों का छह महीने के भीतर 'UMEED' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. वक्फ रजिस्ट्रेशन की समय सीमा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उमीद पोर्टल पर पंजीकरण की समय सीमा छह महीने से बढ़ाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.
मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने कहा है कि इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे. इस मामले मे याचिकाकर्ता असदुद्दीन ओवैसी के वकील ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल क है. ओवैसी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि छह जून को उम्मीद पोर्टल पर पंजीकरण से संबंधित आदेश आया था. इसमें वक्फ संपत्तियों का इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए छह महीने का समय दिया गया था.
ओवैसी के वकील की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वक्फ बिल को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट ने अभी तक निर्णय नहीं सुनाया है. उन्होंने यह भी कहा कि पांच महीने का समय बीतने को है, लिहाजा वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की मियाद छह महीने (दिसंबर) से आगे बढ़ा दी जाए. ओवैसी के वकील निज़ाम पाशा ने शेर पढ़ते हुए कहा कि उम्र-ए-दराज मांग के लाए थे,थी चार रोज, आरज़ू में कट गए दो इंतिजार में.
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सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका पर आपत्ति जताई. सीजेआई ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. सीजेआई ने यह भी स्पष्ट कह दिया कि याचिका लिस्टेड होने का मतलब यह नहीं है कि आपकी मांग को मंजूरी मिल गई. गौरतलब है कि उम्मीद पोर्टल पर वक्फ प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए छह महीने की समय सीमा तय की गई है.
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तय समय सीमा के मुताबिक सभी मुतवल्लियों को वक्फ संपत्ति के रिकॉर्ड उम्मीद पोर्टल पर 6 दिसंबर तक अपलोड करने होंगे. अंतिम तारीख में अब दो महीने से भी कम समय बचा है और यह कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है. इसे लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.