शिमला में हर साल पत्थन मेला लगता है. बरसों से चली आ रही इस परंपरा में दो गुट एक दूसरे पर पत्थर से हमला करते हैं. खेल में घायल होने वाले शख्स का खून चबूतरे पर लगाया जाता है.