भारत निर्वाचन आयोग आज SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन प्रक्रिया को लेकर अहम बैठक करने वाला है. सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में SIR का काम तय समय से पीछे है, जिसके चलते आयोग इन राज्यों के लिए समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर रहा है.
जिन राज्यों में SIR की प्रगति धीमी बताई जा रही है, उनमें अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. आयोग का कहना है कि मतदाता सूची को अधिक सटीक और अद्यतित बनाने के लिए अतिरिक्त समय देना जरूरी है.
SIR का काम तय समय से पीछे
देशभर में मतदाता सूची को सुधारने और व्यवस्थित करने के लिए SIR प्रक्रिया चलाई जा रही है. इसका मकसद फर्जी वोटिंग रोकना, डुप्लीकेट नाम हटाना, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम साफ करना और पात्र नागरिकों यानी 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को सूची में शामिल करना है.
वर्तमान में SIR का दूसरा चरण चल रहा है. पहले चरण की शुरुआत बिहार से की गई थी. दूसरे चरण में अलग-अलग राज्यों में बूथ स्तर पर BLO घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं. कई BLO शिक्षक या सरकारी कर्मचारी होते हैं और कम समय में पूरे क्षेत्र का सत्यापन करना उनके लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.
बढ़ सकती है SIR की समयसीमा
आयोग को रिपोर्ट मिली है कि कई जिलों में सत्यापन अभियान अभी भी अधूरा है. ऐसे में आज होने वाली बैठक में देरी वाले राज्यों के लिए अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया जा सकता है. बैठक के बाद आयोग अंतिम समयसीमा जारी करेगा.