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सांसदों के निलंबन पर विपक्ष ने निकाला मार्च, राहुल गांधी बोले - PM कभी सदन में नहीं आते

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी विपक्ष का साथ देते हुए मार्च का हिस्सा बने. उन्होंने सरकार पर विपक्ष की आवाज़ कुचलने का आरोप लगाया. साथ ही इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है.

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विपक्ष के मार्च का हिस्सा बने राहुल गांधी
विपक्ष के मार्च का हिस्सा बने राहुल गांधी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राहुल बोले कि सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है
  • राहुल गांधी ने पीएम मोदी को भी घेरा

12 सांसदों के निलंबन पर विपक्ष ने आज मंगलवार सुबह बैठक की और अपने आंदोलन को नई दिशा देने के लिए रणनीति बनाई. इसी रणनीति के तहत लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च किया. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी मार्च का हिस्सा बने. उन्होंने सरकार पर विपक्ष की आवाज़ कुचलने का आरोप लगाया. साथ ही इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है.

दबाई जा रही है विपक्ष की आवाज - राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि आज सांसदों को निलंबित किए हुए 14 दिन पूरे हो चुके हैं. निलंबित सांसद पिछले 14 दिनों से धरने पर बैठे हैं. लेकिन यह सरकार बहस नहीं होने दे रही है. विपक्ष जब भी आवाज उठाने की कोशिश करता है, सरकार उनकी आवाज दबा देती है. उन्होंने कहा कि यह मार्च, भारत की जनता की आवाज को कुचलने का प्रतीक है. सांसदों का पक्ष लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.

 

यह लोकतंत्र की हत्या है - राहुल गांधी

राहुल गांधी का कहना है कि हमें संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जा रही. हंगामे के बीच, संसद में बिल पर बिल पास हो रहे हैं. हम राष्ट्रीय महत्व का कोई भी मुद्दे नहीं उठा पा रहे हैं. जब भी हम सरकार से सवाल करने की कोशिश करते हैं, हमें सवाल करने नहीं दिए जाते. यह सही तरीका नहीं है. यह लोकतंत्र की हत्या है. 

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राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम कभी सदन में नहीं आते. 13 दिन से पीएम संसद में नहीं आए हैं. क्या यह संसद चलाने का सही तरीका है?

'किसानों के मामले नहीं उठाने दिए'

राहुल गांधी ने कहा कि एक मंत्री ने किसानों को मारने का काम किया. इसपर चर्चा नहीं करने दी गई. जैसे इस वक्त इन सांसदों को चुप कराया गया है, उस वक्त हमें चुप कराया गया था. सच यह है कि किसानों के विरोध में दो-तीन बड़े पूंजीपति खड़े हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि इन निलंबित सांसदों को राज्यसभा के सभापति ने नहीं निकाला है. इन्हें उस शक्ति ने बाहर निकाला है जो किसान की कमाई और आमदनी चोरी करना चाहते हैं. यह पूंजीपतियों की शक्ति है.

मार्च के दौरान, शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, 'दो हफ्ते से संघर्ष चल रहा है. 12 सांसदों का निलंबन को मैं सही नहीं मानता हूं. किसान आंदोलन पर सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. हम सब 12 दिनों से महात्मा गांधी के चरणों में बैठे हैं और अब दूसरे गांधी के साथ हम चल कर आए हैं.'

सांसद मनोज झा का कहना है कि ये सिर्फ़ निलंबन के लिए लड़ाई नहीं है. ये संविधान को बचाने की लड़ाई है. वहीं टीएमसी सांसद डोला सेन का कहना है कि हमको अंदर लोगों के मुद्दे नहीं उठाने दिए जाते. हमें चाहे लाख बार सस्पेंड कर लें, लेकिन लोगों के लिए हम लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ते रहेंगे. 

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