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'जब न्याय सुलभ और समान हो, तभी वह सामाजिक न्याय की नींव बनता है', सुप्रीम कोर्ट के कार्यक्रम में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री ने NALSA के 30 वर्ष पूरे होने पर संस्था को बधाई देते हुए कहा कि NALSA भारतीयों तक न्याय पहुंचाने का सशक्त माध्यम बन चुका है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने न्याय प्रणाली को आम लोगों के लिए अधिक सरल, सुलभ और मानवीय बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं.

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PM मोदी ने कहा कि तकनीक आज Inclusion और Empowerment का माध्यम बन रही है. (File Photo: PTI)
PM मोदी ने कहा कि तकनीक आज Inclusion और Empowerment का माध्यम बन रही है. (File Photo: PTI)

सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को आयोजित 'राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण' (NALSA) के कानूनी सहायता तंत्र को सशक्त करने पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब न्याय समाज के हर वर्ग तक पहुंचे और किसी व्यक्ति की सामाजिक या आर्थिक स्थिति को देखकर न बदले, तभी वह वास्तविक सामाजिक न्याय कहलाता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि Ease of Doing Business और Ease of Living की तरह ही Ease of Justice भी उतनी ही आवश्यक है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने न्याय प्रणाली को आम लोगों के लिए अधिक सरल, सुलभ और मानवीय बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि लोक अदालतों और प्री-लिटिगेशन सेटलमेंट्स के ज़रिए आज लाखों विवाद तेजी से और कम लागत पर निपटाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई 'लीगल एड डिफेंस काउंसिल' प्रणाली के तहत पिछले तीन वर्षों में 8 लाख से अधिक आपराधिक मामलों का निपटारा किया गया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि Jan Vishwas Act के तहत सरकार ने 3400 से अधिक धाराओं को डिक्रीमिनलाइज़ किया है और अनावश्यक कंप्लायंसेज़ को हटाने का काम किया है, ताकि लोगों को कानून के साथ बेहतर सहयोग का अनुभव हो.

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उन्होंने कहा, “Mediation हमेशा से हमारी भारतीय सभ्यता का हिस्सा रही है. नया Mediation Act इसी परंपरा को आधुनिक स्वरूप दे रहा है. आज NALSA Community Mediation Training Module लॉन्च कर रहा है, जो संवाद (Samvad) और संयम (Sanyam) की संस्कृति को मजबूत करेगा. इससे मुकदमेबाज़ी घटेगी और समाज में सौहार्द बढ़ेगा.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक आज Inclusion और Empowerment का माध्यम बन रही है. न्याय वितरण में E-Courts प्रोजेक्ट इसका शानदार उदाहरण है, जो अदालतों को आधुनिक और पारदर्शी बना रहा है.

उन्होंने कहा कि जब लोग कानून को अपनी भाषा में समझते हैं, तो कानून का पालन बेहतर तरीके से होता है और मुकदमेबाज़ी घटती है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 80,000 से अधिक निर्णयों का 18 भारतीय भाषाओं में अनुवाद कराने की सराहना की और कहा कि यह प्रयास जल्द ही हाईकोर्ट और जिला अदालतों तक बढ़ाया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने NALSA के 30 वर्ष पूरे होने पर संस्था को बधाई देते हुए कहा कि NALSA भारतीयों तक न्याय पहुंचाने का सशक्त माध्यम बन चुका है और आने वाले वर्षों में यह देश के हर नागरिक के लिए ‘Ease of Justice’ की नई मिसाल बनेगा.

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