टूलकिट मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई नाम सामने आते जा रहे हैं. अब एक नाम सामने आया है पीटर फ्राइडरिक का. 4 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग ने जो टूलकिट ट्वीट किया था, उसमें पीटर फ्राइडरिक का भी नाम था. दिल्ली पुलिस की मानें तो फ्रेडरिक खालिस्तान का सक्रिय समर्थक है और 2006 से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है.
दिल्ली पुलिस की डीसीपी (साइबर सेल) मनीषी चंद्रा के मुताबिक, 'पीटर फ्रेडरिक 2006 के अंत से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है, उसे भजन सिंह भिंडर उर्फ इकबाल चौधरी के साथ देखा गया था, भिंडर पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI के K2 (कश्मीर-खालिस्तान) डेस्क से जुड़ा है.
डीसीपी (साइबर सेल) मनीषी चंद्रा ने आगे कहा कि भिंडर कुछ समय के लिए संयुक्त राज्य ड्रग प्रवर्तन प्रशासन के लिए एक 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' था. अब वह साइप्स (मनोवैज्ञानिक संचालन) चला रहा है. दिल्ली पुलिस अब जांच कर रही है कि पीटर फ्रेडरिक का नाम 'टूलकिट' में क्यों था. हालांकि, फ्रेडरिक के ट्विटर से पता चलता है कि वह सरकार के खिलाफ रहा है.
She is charged with “conspiracy to wage war against India” for sharing and allegedly editing an informational “toolkit” which offered a guide for people about how to discuss and support the ongoing Indian #FarmersProtest. #DishaRavi #FreeDishaRavihttps://t.co/XXPgcuZQzt
— Pieter Friedrich (@FriedrichPieter) February 15, 2021
अपने एक ट्वीट में पीटर फ्रेडरिक ने लिखा, 'यदि आप भारत में ट्विटर पर हैं, और आप आरएसएस, भाजपा या मोदी के खिलाफ पोस्ट करते हैं, तो आपको निशाना बनाया जा सकता है, यह एक वास्तविकता है, आप इसके साथ क्या करेंगे? अपना खाता निजी बनाएं? इसे मिटाओ? आगे बढ़ते रहेंगे?
अपने दूसरे ट्वीट में पीटर फ्रेडरिक ने दिशा रवि की रिहाई की मांग की. पीटर फ्रेडरिक की वेबसाइट के अनुसार, वह एक लेखक, कार्यकर्ता, वक्ता और यात्री हैं. पीटर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, यूसी बर्कले, यूसी लॉस एंजिल्स, कार्लटन विश्वविद्यालय और सेंट स्टीफेंस कॉलेज में व्याख्यान दिया है.