scorecardresearch
 

भारत में बने 3 कफ सिरफ पर WHO की ग्लोबल वार्निंग, बच्चों के लिए बताया जानलेवा

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में निर्मित तीन खांसी और सर्दी-ज़ुकाम की सिरप को लेकर वैश्विक चेतावनी जारी की है. WHO के मुताबिक इन सिरप में Diethylene Glycol (DEG) नामक ज़हरीला तत्व पाया गया है, जिससे बच्चों में तीव्र बीमारी और मौत के मामले सामने आए हैं.

Advertisement
X
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से कई बच्चों की मौत हो चुकी है. (File Photo: ITG)
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से कई बच्चों की मौत हो चुकी है. (File Photo: ITG)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में बनी तीन ओरल लिक्विड दवाओं को लेकर वैश्विक चेतावनी (Global Warning) जारी की है. ये दवाएं 'सबस्टैंडर्ड' (गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं) पाई गई हैं और इनमें जानलेवा रसायन डायथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol - DEG) की पुष्टि हुई है, जिसका सेवन करने से भारत में बच्चों की मौत के स्थानीय मामले सामने आए हैं.

WHO ने 8 अक्टूबर 2025 को भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर यह मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट जारी किया है. CDSCO ने यह कदम 30 सितंबर को WHO द्वारा भारत में बच्चों की तीव्र बीमारी और मौतों के स्थानीय समूहों की पहचान के बाद उठाया. दूषित दवाएं कथित तौर पर प्रभावित बच्चों द्वारा सेवन की गई थीं.

दूषित पाए गए तीन ओरल लिक्विड दवाएं सामान्य सर्दी, फ्लू या खांसी के लक्षणों से राहत के लिए इस्तेमाल होने वाले सक्रिय तत्वों वाली हैं. प्रभावित सिरप और निर्माता कंपनियों की पहचान इस प्रकार है:

  • COLDRIF (निर्माता: Sresan Pharmaceutical)
  • Respifresh TR (निर्माता: Rednex Pharmaceuticals)
  • ReLife (निर्माता: Shape Pharma)

भारत में उत्पादन पर रोक और रिकॉल शुरू

सीडीएससीओ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया है कि भारत से कोई भी दूषित दवा निर्यात नहीं की गई है और वर्तमान में अवैध निर्यात का कोई सबूत नहीं है. CDSCO ने पुष्टि की है कि संबंधित राज्य प्राधिकरणों ने इन निर्माण स्थलों पर उत्पादन तत्काल रोकने और उत्पाद प्राधिकरणों को निलंबित करने का आदेश दिया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: जानलेवा कफ सिरप मामले में बड़ा खुलासा, डॉक्टर को Coldrif दवा लिखने के लिए मिलता था कमीशन

इसके अतिरिक्त, दूषित उत्पादों को बाज़ार से वापस मंगाने (Recall) की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. CDSCO ने WHO को बताया है कि वर्तमान में भारत से दूषित दवाओं के निर्यात का कोई प्रमाण नहीं मिला है.

WHO की अंतर्राष्ट्रीय निगरानी की अपील
हालांकि निर्यात का कोई प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन WHO ने सभी राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों (NRAs) को सतर्क रहने की सलाह दी है. WHO ने अनौपचारिक और अनियमित आपूर्ति श्रृंखलाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ लक्षित बाज़ार निगरानी पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जहां उत्पाद बिना पता चले प्रसारित हो सकते हैं. 

NRAs को यह भी सलाह दी गई है कि वे दिसंबर 2024 से विशेष रूप से निर्मित उसी विनिर्माण स्थलों से उत्पन्न होने वाली किसी भी ओरल लिक्विड दवा से जुड़े जोखिमों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें. WHO स्थिति पर नजर रखने, संदूषण के स्रोत की पहचान करने और संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कफ सिरप से बच्चों की मौत पर जनहित याचिका, नहीं की कोई टिप्पणी

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement