पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से 21 लाख से अधिक मृत मतदाताओं के नाम कटने तय है. निर्वाचन आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान 21 लाख से ज़्यादा मृत मतदाताओं की पहचान की जा चुकी है.
आयोग सूत्रों के मुताबिक, राज्य के उत्तर 24 परगना की मुद्दत सूची में अब तक सबसे ज़्यादा 2.75 लाख से ज़्यादा मतदाता मृत पाए गए हैं. इसके बाद पश्चिम बर्धमान और दक्षिण 24 परगना का नंबर है. पश्चिम बर्धमान में 1.57 लाख और दक्षिण चौबीस परगना में 1.39 लाख मृत मतदाताओं की पहचान हुई है.
90% से ज्यादा गणना फॉर्म की एंट्री
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक 90% से ज़्यादा गणना फ़ॉर्म की डिजिटल एंट्री हो चुकी है, लेकिन राज्य भर में मृत मतदाताओं की अंतिम संख्या तभी स्पष्ट होगी, जब बूथ लेवल अधिकारी बाकी 'अप्राप्त' फॉर्म अपलोड करने का काम खत्म कर देंगे. ये अप्राप्त फ़ॉर्म अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और डुप्लिकेट (एएसडीडी) श्रेणियों को कवर करते हैं.
हालांकि, कई बीएलओ कथित तौर पर गणना फॉर्म अपलोड करने में देरी कर रहे हैं. इन बीएलओ का दावा है कि उन पर स्थानीय जिला प्रशासन दबाव बना रहा है. इस वजह से कई लोग गणना के लिए आवश्यक फॉर्म जमा करने में हिचकिचा रहे हैं.
वहीं, घर-घर जाकर जांच करने के बावजूद आयोग की टीम ने पाया कि एएसडीडी फॉर्म भी बिना उचित टैगिंग के एकत्र किए गए थे.
SIT गठित
निर्वाचन आयोग ने ऐसे मामलों का भी पता लगाया है, जहां एएसडीडी-फ्लैग किए गए गणना फॉर्म बीएलओ ऐप में ठीक से चिह्नित या डिजिटाइज किए बिना 'कहीं और' एकत्र किए जा रहे हैं.इन खामियों की गंभीरता को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल और विशेष मतदाता सूची पर्यवेक्षक, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुब्रत गुप्ता ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है.