
Weather Update: अक्टूबर में मॉनसून की विदाई के बाद भी कई राज्यों में बारिश जारी है. वहीं, पहाड़ी राज्यों में सीजन की पहली बर्फबारी भी हो चुकी है. कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बाद तापमान में गिरावट आने के साथ ही ठंड का अहसास होने लगा है. मैदानी इलाकों की बात करें तो मुंबई, दिल्ली, यूपी, बिहार जैसे कई राज्य अभी बारिश से भीग रहे हैं. मौसम विभाग द्वारा अलग-अलग राज्यों में येलो से रेड अलर्ट तक जारी कर दिया गया है. आइए जानते हैं बारिश को लेकर मौसम विभाग का पूर्वानुमान.
दिल्ली में जारी है बारिश
दिल्ली में बीते दिन से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है. लगातार हल्की बारिश से देश की राजधानी दिल्ली के तापमान में गिरावट आई है. मौसम के इस बदलाव को ठंड की आहट कहा जा सकता है. इसके अलावा आसमान में बादल छाए हुए हैं. तापमान की बात करें तो न्यूनतम तापमान 21 डिग्री और अधिकतम तापमान 25 डिग्री बना हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक, 11 अक्टूबर तक बारिश रहने की संभावना है. मौसम की इस करवट से तापमान में गिरावट आई है. दिल्ली में बारिश को लेकर देखें मौसम विभाग की भविष्यवाणी....

मुंबई के आसमान में घने बादल, सड़के लबालब
मुंबई में शुक्रवार रात से मूसलाधार बारिश हो रही है. नतीजन ये कि लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मुंबई के कई निचले इलाके पूरी तरीके से जलमग्न हो गए हैं. सड़कें नदी में तब्दील होती हुई दिखाई दे रही हैं. अक्टूबर में मुंबई अमूमन 30-35 डिग्री तक तपती थी, इस बार बारिश में भीग रही है और 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चल सकती है. मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है.
वहीं, अगले 48 घंटे तक बारिश का अनुमान है. निचले इलाकों में पानी भरा है, जिसमें हिंदमाता, सायन, कुर्ला और अंधेरी शामिल है. मौसम विभाग की तरफ से मुंबई और उसके आसपास के इलाकों के लिए अगले 2 दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
#WATCH | Maharashtra: Parts of Mumbai witness waterlogging following incessant heavy rainfall; visuals from Sion area this morning. pic.twitter.com/9VqRZYayZ9
— ANI (@ANI) October 8, 2022
ठाणे में भी सड़कों पर जलजमाव
मुंबई के जे जे ब्रिज पर भी जलजमाव दिखने लगा है. विक्रोली इलाके में तो 4 घंटे में ही 35 मिलीमीटर तक बारिश हुई है. औसतन 24 घंटे में 8.9 मिलीमीटर बारिश हो गई है. लगातार बारिश से सड़कें तो डूब रही हैं लेकिन इस बारिश ने बढ़ते तापमान पर ब्रेक लगा दिया है. मुंबई में इन दिनों अधिकतम तापमान 30-32 डिग्री के आसपास रह रहा है. मुंबई के अलावा ठाणे में भी सड़कों पर जलजमाव है. ठाणे शहर के घोडबंदर रास्ता ,मीनाताई ठाकरे चौक, वागळे इस्टेट, श्री नगर और नौपाड़ की सड़कों पर जलजमाव दिखने लगा है. पता चला है कि ठाणे शहर में चार घंटो के अंदर 25 मिलिमीटर तक बारिश हो गई है. मौसम विभाग ने कहा है कि मुंबई, ठाणे, पालघर, चंद्रपुर, अमरावती, रत्नागिरि, सिंधुदुर्ग, सातारा, धुले जिलों में अगले दो दिनों तक बारिश का अनुमान है.
अक्टूबर में क्यों हो रही बरसात?
अक्टूबर में बरसते बादलों के पीछे दो बड़े कारण बताये जा रहे हैं, एक तो बंगाल की खाड़ी में कम दबाव पैदा हुआ है, दूसरे मानसून की वापसी में देर हुई है. मुंबई में 13 अक्टूबर के बाद मानसून के विदा होने की उम्मीद है, तब तक मुंबई में बारिश की मुसीबत का खतरा बना हुआ है. बता दें कि इस साल महाराष्ट्र में मानसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहा है, जून से सितंबर तक करीब 1220 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक ही है.
उत्तराखंड में बर्फबारी
उत्तराखंड की बात करें तो राज्य में अक्टूबर का पहला हफ्ता बर्फबारी के बीच गुजर रहा है. पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले इलाक़ों से लेकर चमोली तक बारिश के साथ-साथ बर्फबारी हो रही है. हेमकुंड साहिब में तो कपाट बंद होने से पहले ही बर्फबारी और बारिश की दोहरी मार पड़ने लगी है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले इलाक़ों में दूर तक सफेद बर्फ में लिपटे पेड़-पत्थर-खेत और पहाड़ियां दिख रही हैं. पंचाचुली से लेकर राजरंभा और हंसलिंग की चोटियां बर्फबारी के कारण सफेद हो चुकी हैं.
आसमान से लगातार हो रही बर्फबारी ने पूरे इलाक़े को बर्फ की चादर तले ढक दिया है. व्यास घाटी में तो तीन फीट तक बर्फबारी हो चुकी है. व्यास घाटी के ओम पर्वत से लेकर आदि कैलाश और नाभी, कुटी गांवों में अक्टूबर में पहली बर्फबारी ने लोगों को खुश कर दिया. बर्फबारी की कुछ ऐसी ही तस्वीरें धारचुला से भी आई हैं. ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है जिसके कारण निचले इलाकों में तापमान गिरता जा रहा है. चमोली जिले में तो बारिश के साथ-साथ बर्फबारी भी हुई है.
हेमकुंड साहिब में बारिश और बर्फबारी
हेमकुंड साहिब में दूर दूर तक बर्फ में ढकी पहाड़ी चोटियां नजर आने लगी हैं. वैसे तो 15 हजार 210 फीट की ऊंचाई पर मौजूद सिखों का तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब 8 महीने तक बर्फबारी के संकट का सामना करता है लेकिन इस बार ये बर्फबारी कपाट बंद होने से पहले ही शुरू हो चुकी है. हेमकुंड साहिब में 10 अक्टूबर से कपाट बंद होने हैं. उससे पहले देश-दुनिया भर से सिख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचते हैं. लेकिन इस बार श्रद्धालुओं के सामने बारिश और बर्फबारी की दोहरी चुनौती है.
मौसम खराब होने के बावजूद 10 अक्टूबर के अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. इस बीच मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कुमाऊं गढ़वाल क्षेत्र में जबरदस्त बारिश की आशंका में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया हुआ है. मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव क्षेत्र की वजह से इलाके में तेज़ बारिश की आशंका बनी हुई है.