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वंदे मातरम् पर संसद में चर्चा... लोकसभा में पीएम मोदी तो राज्यसभा में अमित शाह करेंगे शुरुआत

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

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संसद के शीतकालीन सत्र में होगी वंदे मातरम् पर चर्चा, पीएम मोदी करेंगे शुरुआत
संसद के शीतकालीन सत्र में होगी वंदे मातरम् पर चर्चा, पीएम मोदी करेंगे शुरुआत

संसद के शीतकालीन सत्र में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही यह चर्चा सोमवार और मंगलवार (8 व 9 दिसंबर 2025) को होगी.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद दोपहर 12 बजे इस चर्चा की शुरुआत करेंगे. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सदन को संबोधित करेंगे.

राज्यसभा में ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा मंगलवार (9 दिसंबर 2025) को होगी. गृह मंत्री अमित शाह इस चर्चा का शुभारंभ करेंगे, जबकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इस दौरान अपना पक्ष रखेंगे. दोनों सदनों में यह चर्चा एक-एक दिन की ही होगी. सूत्रों के अनुसार, इस चर्चा का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम में ‘वंदे मातरम्’ के योगदान, इसके ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालना है.

1870 के दशक में बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था वंदे मातरम्
'वंदे मातरम' को 1950 में भारत गणराज्य के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था. इसे 1870 के दशक में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा संस्कृतनिष्ठ बंगाली में लिखा गया था. यह गीत बंकिम चंद्र चटर्जी के बंगाली उपन्यास आनंदमठ का ही हिस्सा है, जिसे पहली बार 1882 में प्रकाशित किया गया था.

यह गीत भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख प्रेरणा स्रोत बना. इस गीत की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर केंद्र सरकार ने विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया था. पीएम मोदी ने हाल ही में 'वंदे मातरम' को स्वतंत्रता संग्राम की अमर धरोहर बताते हुए युवाओं से इसका गान करने की अपील की थी.

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बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा 30 नवंबर को बुलाई गई ऑल-पार्टी मीटिंग और लोकसभा व राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति बनी थी. राज्यसभा में भी सत्ताधारी दलों के सदस्यों ने इसकी जोरदार वकालत की थी. सरकार ने इसे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताते हुए सभी दलों को इसमें भाग लेने का न्योता दिया है. एनडीए सदस्यों ने राज्य सभा में भी वंदे मातरम पर चर्चा की जोरदार वकालत की थी.

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