देश के अलग-अलग हिस्सों में आज विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. एक ओर किसान केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर सड़कों पर हैं, तो दूसरी ओर ट्रेड यूनियन ने लेबर लॉ के खिलाफ हल्ला बोल किया हुआ है. पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में लेफ्ट यूनियनों ने हाइवे से लेकर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है. यूनियन का कहना है कि उनकी मांग पूरी होने तक हल्ला बोल जारी रहेगा. ऐसे में ट्रेड यूनियन की डिमांड क्या हैं, एक नज़र डालिए...
• किसान विरोधी, मजदूर विरोधी बिल वापस हो.
• टैक्स ना भरने वाले परिवारों को 7500 की आर्थिक मदद मिले.
• गरीब परिवारों को हर महीने दस किलो. राशन दिया जाए.
• मनरेगा के तहत साल में 200 दिन तक काम मिले, मजदूरी बढ़ाई जाए.
• पब्लिक सेक्टर का प्राइवेटाइजेशन बंद किया जाए.
• नेशनल पेंशन सिस्टम को खत्म कर पुराने ढर्रे के तहत हर किसी को पेंशन दी जाए.
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बंगाल में आज जो विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उनमें करीब दस संगठनों ने एकजुट होकर कानून का विरोध किया है. प्रदर्शन करने में ये संगठन मुख्य रूप से शामिल हैं.
• Indian National Trade Union Congress (INTUC)
• All India Trade Union Congress (AITUC)
• Hind Mazdoor Sabha (HMS)
• Centre of Indian Trade Unions (CITU)
• All India United Trade Union Centre (AIUTUC)
• Trade Union Co-ordination Centre (TUCC)
• Self-Employed Women's Association (SEWA)
• All India Central Council of Trade Unions (AICCTU)
• Labour Progressive Federation (LPF)
• United Trade Union Congress (UTUC)
West Bengal: Members of Communist Party of India (Marxist–Leninist) Liberation, CPI(M) and Congress block railway track in Jadavpur as trade unions observe nationwide strike against new labour policies introduced by the Centre pic.twitter.com/h37MVHSuYI
— ANI (@ANI) November 26, 2020
लेफ्ट यूनियनों द्वारा की जा रही इस स्ट्राइक को पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले चुनावों से जोड़ा जा रहा है और एक बार फिर पार्टी में जान फूंकने की कोशिश मानी जा रही है. दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि लेफ्ट, कांग्रेस और अन्य संगठनों ने जो विरोध प्रदर्शन किया है उसका जमीन पर कोई असर नहीं है.