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World Exclusive: 'भारत खुशकिस्मत है कि वहां मोदी हैं', पीएम की तारीफ में बोले पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना की और कहा कि वे दबाव में झुकने वाले नहीं हैं. पुतिन ने भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती पर जोर देते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच 90 प्रतिशत से अधिक लेन-देन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है.

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 'आजतक' से खास बातचीत की है. (Photo: ITG)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 'आजतक' से खास बातचीत की है. (Photo: ITG)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 'आजतक' को दिए वर्ल्ड एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'दबाव में झुकने वाले नहीं हैं.' उनका यह बयान अमेरिका की ओर से भारत पर टैरिफ के रूप में दबाव डालने की खबरों के संदर्भ में आया है. अपने भारत दौरे से पहले पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की जिसमें उन्होंने कई वैश्विक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी.

'भारत खुशकिस्मत है कि पीएम मोदी हिंदुस्तान में रहते हैं'

पुतिन से पूछा गया, आप भारत जा रहे हैं. भारत के प्रधानमंत्रियों ने भारत और रूस के संबंधों को मजबूत करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. आपको क्या लगता है कि रूस में एक नेता के तौर पर आपके कार्यकाल में, जब से आप सत्ता में हैं, भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने में किस प्रधानमंत्री ने सच में फर्क डाला है?

जवाब में रूसी राष्ट्रपति ने कहा, 'आपने मुझसे दूसरे देश के दूसरे नेताओं के बारे में बताने के लिए कहा है, मुझे खुशी है. आप जानते हैं, मुझे नहीं लगता कि यह बहुत दूर की बात है. अब हम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम कर रहे हैं. सच में, हमारे बहुत भरोसेमंद और दोस्ताना संबंध हैं. वह इस मामले में बहुत भरोसेमंद इंसान हैं. मैं बहुत ईमानदारी से कह रहा हूं. भारत खुशकिस्मत है कि वो हिंदुस्तान में रहते हैं. वो भारत में सांस लेते हैं. मैं उनसे बात करता हूं और मैं उन्हें जानता हूं. मुझे उम्मीद है कि वह मुझसे नाराज नहीं होंगे. मैं बस वही कह रहा हूं जो मैं देखता हूं और जो मैं सोचता हूं.'

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उन्होंने आगे कहा, 'मुझे यकीन है कि ऐसे इंसान से बात करना मेरे लिए बहुत सुखद है, यह एक बात है. दूसरी बात, सच ये है कि वो बहुत ईमानदारी से भारत और रूस के संबंध को हर क्षेत्र में और खासकर रक्षा, अर्थव्यवस्था, मानवीय सहयोग और हाई-टेक परमाणु सामग्री के विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मजबूत करना चाहते हैं. इसलिए उनसे मिलना मेरे लिए बहुत दिलचस्प है. वो यहां आए थे और हम उनके साथ मेरे घर पर बैठे और हमने बहुत देर तक चाय पी. पूरी शाम हमने अलग-अलग विषयों पर बात की. हमने बस आम इंसानों की तरह ही रोचक बातचीत की. इसलिए मैं इस मीटिंग का इंतजार कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह बहुत उपयोगी होगी. बहुत ही दिलचस्प.'

पुतिन ने की पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना

पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया ने भारत की मजबूत और स्पष्ट स्थिति देखी है और देश अपने नेतृत्व पर गर्व कर सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि रूस और भारत के बीच 90 प्रतिशत से अधिक द्विपक्षीय लेन-देन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है.

बातचीत की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इंडिया टुडे टीम का क्रेमलिन में स्वागत करके खुशी हो रही है और उम्मीद है कि वे मॉस्को में अपना समय आनंद से बिता रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने 'मित्र, प्रधानमंत्री मोदी' से मिलने के लिए यात्रा पर निकलने को लेकर 'बहुत खुश' हैं, और बताया कि दोनों नेताओं ने अगली बैठक भारत में करने पर सहमति जताई है. 

आजादी के बाद भारत की प्रगति की सराहना

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पुतिन ने कहा कि भारत–रूस सहयोग के व्यापक दायरे को देखते हुए 'बहुत सी बातें' चर्चा के लिए हैं. उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों के 'अनूठे' इतिहास को भी रेखांकित किया. इसके साथ ही उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद की प्रगति की भी सराहना की और कहा कि मात्र 77 वर्षों, जो कि अपेक्षाकृत कम समय है, इसमें देश ने उल्लेखनीय विकास किया है.

'भारत में हुए बदलाव चमत्कारों से कम नहीं'

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि 'हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इतने व्यस्त रहते हैं कि हमारे सामने हो रहे बदलावों पर ध्यान ही नहीं जाता, लेकिन अगर हम थोड़ा पीछे मुड़कर देखें तो भारत में जो बदलाव हुआ है, वह किसी चमत्कार से कम नहीं. उदाहरण के तौर पर, बहुत कम लोगों को यह एहसास है कि इन वर्षों में भारत में औसत जीवन प्रत्याशा लगभग दोगुनी हो गई है. भारत के साथ हमारे संबंध कई क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी से दोबारा मिलना सुखद है- उनके साथ हमारा व्यावसायिक संबंध तो है ही, साथ ही एक व्यक्तिगत और दोस्ताना रिश्ता भी है.'

'बड़े देशों के बीच स्थिरता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी'

उन्होंने आगे कहा, 'दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है और यह रफ्तार लगातार बढ़ रही है, जिसे हर कोई साफ तौर पर देख सकता है. ग्लोबल सिस्टम बदल रहा है, नए शक्ति केंद्र उभर रहे हैं, और वैश्विक शक्तियों का स्वरूप भी लगातार बदल रहा है. ऐसे में, बड़े देशों के बीच स्थिरता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही स्थिरता द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सतत प्रगति की बुनियाद रखती है.'

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