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गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट होंगे ये दो यूरोपीय नेता, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी फोकस

गणतंत्र दिवस 2026 के अवसर पर यूरोपीय संघ के शीर्ष नेता भारत के मुख्य अतिथि होंगे. इस दौरान भारत और यूरोपीय संघ के बीच होने वाले भारत-ईयू समिट पर भी सभी की नजर रहेगी, जहां फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर अहम प्रगति का संकेत दिया जा रहा है.

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गणतंत्र दिवस 2026 पर भारत में यूरोपीय संघ के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी (Photo: AFP/ AP)
गणतंत्र दिवस 2026 पर भारत में यूरोपीय संघ के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी (Photo: AFP/ AP)

गणतंत्र दिवस 2026 भारत के लिए हर मायनों में ख़ास होने जा रहा है. चाहे कूटनीति हो या विश्व स्तर पर आर्थिक रिश्तों के लिहाज़ से. इस बार गणतंत्र दिवस 2026 में चीफ गेस्ट के तौर पर यूरोपीय संघ के शीर्ष नेतृत्व को आमंत्रित किया गया है. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा समारोह में शामिल होंगे. 

माना जा रहा है कि जब ये दो शीर्ष नेता भारत आएंगे तो भारत-यूरोपीय संघ व्यापार समझौते और शिखर सम्मेलन भी आयोजित होने की संभावना जताई जा रही है, जहां दोनों पक्षों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर ज़रूर चर्चाएं और संभावित समझौते पर फोकस रहेगा. 

भारत और यूरोपीय संघ लंबे समय से एफटीए को लेकर चर्चा कर रही है. बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट, टेक्नोलॉजी और सप्लाई चेन जैसे विषयों पर यह समझौता दोनों पक्षों के लिए स्ट्रैटेजिक रूप से बेहद अहम मानी जा रही है. अब गणतंत्र दिवस पर यूरोपियन यूनियन के दो शीर्ष नेताओं की मौजूदगी साफ़ इस बात की संकेत दे रही है कि यूरोपियन यूनियन भारत के साथ रिश्तों को महज़ कूटनीतिक लेवल पर नहीं, बल्कि आर्थिक साझेदारी के नए लेवल पर ले जाना चाहते हैं.

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यूरोपीय संघ-भारत व्यापार वार्ता और गणतंत्र दिवस समारोह 2026 का एक ही समय के आसपास होने की वजह से यह घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण बन जाता है. राजनियक हलकों का मानना है कि भारत आर्थिक शक्तियों के साथ आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को प्रायोरिटी दे रहा है. यह भारत की बैलेंस्ड और मल्टीलेटरल विदेश नीति का हिस्सा माना जा रहा है.

इस साल यानि 2025 में भारत ने गणतंत्र दिवस में चीफ गेस्ट के तौर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो शामिल हुए थे. राष्ट्रपति पद संभालने के बाद प्रबोवो की यह भारत की पहली यात्रा थी. 1950 के बाद यह चौथा मौका रहा जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए.

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