कोच्चि के 16 वर्षीय राउल जॉन अजू ने हाल ही में इंडिया टुडे मुंबई कॉन्क्लेव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर अपनी बात रखी. इस मंच पर उन्होंने AI Realm Technology की ओर से बोलते हुए अपने बनाए रोबोट, 'Me Bot' को पेश किया. राउल ने यह रोबोट इसलिए बनाया क्योंकि वह रात में भी लेक्चर देना चाहते थे, ताकि जब वह सो रहे हों तो उनका रोबोट उनकी जगह काम कर सके. उन्होंने इस रोबोट को चार साल पहले पुराने सामान का इस्तेमाल करके बनाया, जो उनकी तरह बात करता है और उनकी तरह ही काम भी करता है.
बनाया अपना रोबोट, अब AI के टीचर
राउल ने बताया, “ये मेरा क्लोन है, मेरी तरह बात करता है और मेरी तरह काम करता है.” उन्होंने कहा कि अब वह एआई को लेकर क्लास लेते हैं और एक कॉन्टेंट क्रिएटर भी हैं. उनका 'Me Bot' इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जो उनकी जगह लेक्चर देता है. जब राउल सो रहे होते हैं, तब उनका रोबोट काम करता रहता है, जिससे उनका काम कभी नहीं रुकता.
#IndiaTodayConclaveMumbai
— IndiaToday (@IndiaToday) September 26, 2025
Meet AI tech prodigy #RaulJohnAju, who started by creating robots and is now a content creator, life coach, and more!@PreetiChoudhry | India Today Mumbai Conclave 2025 LIVE: https://t.co/cZtpqbG2Jg pic.twitter.com/nU2oQUmCUY
AI सीखना क्यों है ज़रूरी?
राउल के अनुसार, जेनरेटिव एआई ने इस टेक्नोलॉजी को घर-घर में पॉपुलर बना दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा, "अभी हर किसी को एआई सीखने की ज़रूरत है. क्यूंकि जो व्यक्ति एआई का इस्तेमाल जानता है, वही नौकरी बचा पाएगा." उन्होंने बताया कि हम एआई को डेटा देते हैं, जिसके बाद वह उस पर पैटर्न बनाकर सीखता है और शब्दों का अनुमान लगाता है. इसे अपना रेगुलर काम सिखाया जा सकता है.
AI और प्लेनेट के लिए चुनौती
राउल ने एआई के एक गंभीर पहलू पर भी ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि एआई हमारे प्लैनेट को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि यह बहुत कार्बन बर्न करता है. अब हमें ऐसे एआई पर फोकस करना चाहिए जो कम एनर्जी इस्तेमाल करे. साथ ही उन्होंने कहा, “हमारी शिक्षा को बदलना चाहिए और रियल वर्ल्ड के अनुसार हमारी शिक्षा काम नहीं करती है.”