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‘एक बूंद पानी नहीं’, पंजाब ने हरियाणा को भेजा सख्त संदेश, विधानसभा में प्रस्ताव पारित

पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा नहर के पानी को लेकर विवाद छिड़ गया है, पंजाब ने हरियाणा का पानी आधा कर दिया है. पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि पंजाब एक बूंद पानी भी हरियाणा को नहीं दिया जाएगा. पंजाब सरकार ने BBMB के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं.

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पंजाब का ऐतिहासिक फैसला, विधानसभा में हरियाणा को पानी न देने का प्रस्ताव पास (फोटो क्रेडिट- पीटीआई)
पंजाब का ऐतिहासिक फैसला, विधानसभा में हरियाणा को पानी न देने का प्रस्ताव पास (फोटो क्रेडिट- पीटीआई)

पानी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच ही केवल तनाव नहीं है. पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर विवाद चल रहा है. सोमवार को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया. इस सत्र में हरियाणा को पंजाब के हिस्से से एक बूंद भी पानी नहीं दिए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 को रद्द करने का भी प्रस्ताव सदन में पास किया गया. विपक्षी दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने क्या कहा?

पंजाब विधानसभा में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है, इसलिए वह हरियाणा को एक बूंद भी पानी नहीं देंगे.

पंजाब के जल संसाधन मंत्री ने क्या कहा?

विधानसभा में जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने विशेष सत्र में प्रस्ताव पेश किया था. प्रस्ताव पेश करते हुए बरिंदर ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें — भाजपा द्वारा शासित राज्य हरियाणा, केंद्र सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के जरिए पंजाब के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही हैं.

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नहरों के जरिए खेतों तक पानी पहुंचाने के प्रयास

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प्रस्ताव में यह भी बताया गया कि पंजाब सरकार ने बीते तीन वर्षों में खेतों तक नहर का पानी पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए हैं. 2021 तक पंजाब के केवल 22 प्रतिशत खेतों को पानी मिला करता था. लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 60 प्रतिशत हो गया है. इस वजह से पंजाब के लिए पानी की हर बूंद बेहद ही जरूरी है.

हरियाणा की मांग और पंजाब की स्थिति

गोयल ने बताया कि हरियाणा की आबादी तीन करोड़ है. उनको अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए केवल 1,700 क्यूसेक पानी की आवश्यकता होती है. अब वह अचानक मांग कर रहा है कि उन्हें 8,500 क्यूसेक पानी चाहिए. पंजाब के पास अब इतना अतिरिक्त पानी नहीं है कि वह हरियाणा को दे सके.

उन्होंने कहा, 6 अप्रैल को हरियाणा के अनुरोध पर पंजाब ने 4,000 क्यूसेक पानी दिया था. मानवीय आधार पर हरियाणा को पीने के लिए 4,000 क्यूसेक पानी की आपूर्ति जारी रखी जाएगी. इसके अतिरिक्त पानी नहीं दिया जाएगा.

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प्रस्ताव में केंद्र और बीबीएमबी पर आरोप

प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की बैठक को "अवैध और असंवैधानिक" तरीके से बुलाना निंदा के योग्य है. BBMB केंद्र की बीजेपी सरकार की कठपुतली बनकर रह गई है. BBMB की बैठक में पंजाब की बात नहीं सुनी जाती और न ही उनके अधिकारों की. इसलिए BBMB का पुनर्गठन किया जाना चाहिए.

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नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने क्या कहा?

पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है.

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