सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत ने दिल्ली में लगातार खराब हो रही हवा की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता जताई है. सीजेआई का कहना है कि उन्हें खुद मॉर्निग वॉक पर जाने में सांस लेने में तकलीफ होती है.
वरिष्ठ एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने सीजेआई सूर्यकांत से अनुरोध किया कि अदालत की सुनवाइयों को वर्चुअल मोड में किया जाए. इस पर द्विवेदी ने कहा कि मुझे गंभीर कंजेशन है. मेरे सहयोगी ही दलीलें नोट कर लेंगे.
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी कहा कि हमारे लिए स्थिति वाकई बहुत खराब होती जा रही है. इस पर चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने बताया कि उन्हें भी नियमित मॉर्निंग वॉक पर जाने के बाद उन्हें प्रदूषण की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
सीजेआई ने यह भी कहा कि यदि बार एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट की सुनवाइयों को वर्चुअल मोड में शिफ्ट करने पर सहमत होती है, तो अदालत इस पर एक समान नियम बनाने पर विचार कर सकती है. इस दौरान सीजेआई ने वरिष्ठ वकीलों से कहा कि आज शाम संविधान दिवस समारोह में बार अधिकारियों से मुलाकात है. मैं आपके सुझावों को उन्हें बताऊंगा.
इस पर सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने सुझाव दिया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के वकीलों को कम से कम यह अनुमति दी जाए कि वे अदालत में व्यक्तिगत रूप से आने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हों.
इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में हवा की खराब गुणवत्ता के मद्देनजर पीएमओ एक्टिव है. इस संबंध में प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में यह स्पष्ट संकेत दिया गया कि प्रदूषण के स्रोतों पर लगाम कसने के लिए पीएमओ सीधे मॉनिटरिंग कर रहा है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली और आसपास के कई हिस्सों में एक्यूआई 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया है. CPCB के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार सुबह इंडिया गेट पर एक्यूआई 328, एम्स-सफदरजंग अस्पताल पर 323, आनंद विहार में 402, आईटीओ में 380 दर्ज किया गया. वहीं, नोएडा का AQI 397 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में है.