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DMK सांसद ने हाईकोर्ट जज को कहा 'RSS जज'... गरमा गया शीतकालीन सत्र, किरेन रिरिजू ने जताई आपत्ति

लोकसभा में शुक्रवार को इंडिगो संकट और मद्रास हाईकोर्ट जज विवाद को लेकर कई बार हंगामा हुआ. टीएमसी सांसदों और डीएमके सांसद टीआर बालू के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें बालू ने हाईकोर्ट जज को 'RSS जज' कह दिया. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई.

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संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और सांसद टीआर बालू के बीच तीखी बहस हुई
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और सांसद टीआर बालू के बीच तीखी बहस हुई

लोकसभा में शुक्रवार को कई बार हंगामा हुआ. सत्र की शुरुआत में ही इंडिगो संकट मामले पर प्रश्नकाल की शुरुआत हंगामे से हुई. फिर दोपहर में शून्यकाल के दौरान टीएमसी सांसद शताब्दी राय और महुआ मोइत्रा ने हंगामा किया और फिर इसके बाद बड़ी बहस हुई DMK सांसद टीआर बालू और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बीच. असल में डीएमके सांसद ने हाईकोर्ट जज को 'RSS जज कह दिया. इस पर लोकसभा में हंगामा हो गया. 

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर आपत्ति उठाई. उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान न्यायपालिका पर कलंक लगाने जैसे हैं. TR बालू ने प्रश्नकाल में मद्रास हाईकोर्ट के जज पर टिप्पणी की थी. दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट जज ने मदुरै में अरुलमिगु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर में श्रद्धालुओं को पारंपरिक दीप जलाने की अनुमति दी थी. इस पर तमिलनाडु सरकार ने आपत्ति भी जताई थी.

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- न्यायपालिका को बदनाम करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई? संसदीय बहस में शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए. हम इस बात के खिलाफ नहीं है कि वह क्या कहना चाहते हैं, लेकिन वह असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते. रिजिजू ने आगे कहा- इससे न केवल आपके लिए, बल्कि आपकी पार्टी के लिए भी बेवजह परेशानी खड़ी होगी.

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सांसद के बयान को रिकॉर्ड से हटाया जाएगा
लोकसभा में तब पीठासीन कृष्णा प्रसाद टेनेटी ने कहा- बालू के बयान को रिकॉर्ड से हटाया जाएगा. उन्होंने कहा- मामला सब-ज्यूडिस है. आपने एक माननीय जज को गलत तरीके से संबोधित किया. इसे वापस लिया जाता है. हम किसी भी जज को ऐसे शब्दों में संबोधित नहीं कर सकते. हालांकि, इसके बाद भी बालू अपने बयान पर कायम रहे और तर्क दिया कि जज ने खुद ही संगठन के साथ अपने जुड़ाव को स्वीकार किया था.

ये है विवाद जो पकड़ रहा है तूल
मदुरै में सिकंदर बादशाह दरगाह के पास स्थित एक प्राचीन पत्थर के खंभे 'दीपाथून' के ऊपर कार्तिकई दीपम जलाने की पुरानी परंपरा है. 1 दिसंबर को मद्रास HC के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने श्रद्धालुओं को दीप जलाने की इजाजत दे दी थी. तमिलनाडु सरकार ने सांप्रदायिक तनाव का हवाला देते हुए इस आदेश का विरोध किया. इसी पर बालू कह रहे थे कि तमिलनाडु में जानबूझकर ऐसी स्थिति पैदा की जा रही है, जिससे तनाव बने. उन्होंने कहा- एक खास राजनीतिक पार्टी से जुड़ा एक खास समूह सांप्रदायिक झड़पें पैदा कर रहा है. भारत सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए.

सरकार की ओर से जवाब देते हुए, संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन ने तमिलनाडु में DMK सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा- तमिलनाडु सरकार एक खास समुदाय को निशाना बना रही है. वे उस इलाके में कानून-व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं. DMK सरकार सिर्फ वोट-बैंक की राजनीति कर रही है.

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