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इंडिगो को फिर मिली 24 घंटे की मोहलत... DGCA ने कहा- जवाब नहीं मिला तो होगी कार्रवाई

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने मेसर्स इंडिगो के जवाबदेह प्रबंधक और सीईओ को 06 दिसंबर 2025 को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए एक बार 24 घंटे का विस्तार दिया है. DGCA ने कहा कि यदि इंडिगो नियत समय सीमा के अंदर पूरा और व्यापक जवाब नहीं देती है, तो डीजीसीए बिना और किसी जवाब के मामले को ठीक वैसा ही मानते हुए आगे की कार्रवाई करेगा.

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DGCA से इंडिगो को राहत. (photo: PTi)
DGCA से इंडिगो को राहत. (photo: PTi)

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो को तकनीकी खराबी के कारण हुई उड़ान रद्दी और देरी के लिए जारी शो-कॉज नोटिस का जवाब देने के लिए केवल 24 घंटे की अंतिम मोहलत दी है. हालांकि, DGCA ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर इंडिगो निर्धारित समय में जवाब नहीं देता है तो बिना पक्ष सुने एकतरफा कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, पिछले हफ्ते हुई बड़ी तकनीकी खराबी के कारण हुई व्यापक उड़ान रद्दी और देरी के लिए 6 दिसंबर को जारी किए गए शो-कॉज नोटिस (SCN) का जवाब देने के लिए इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर (COO) इसिड्रे पोरक्वेरास ओरिया ने समय बढ़ाने की गुहार लगाई थी.

इंडिगो के दोनों अधिकारियों ने 7 दिसंबर को DGCA को पत्र लिखकर कहा था कि इंडिगो के विशाल फ्लाइट नेटवर्क की वजह से और विभिन्न एयरपोर्ट्स पर हुई अनिवार्य परिस्थितियों के कारण हमें विस्तृत जवाब तैयार करने के लिए पर्याप्त वक्त चाहिए.

'24 घंटे की मोहलत'

इसके बाद DGCA ने उनकी इस मांग को आंशिक रूप से मानते हुए सिर्फ एक बार और सिर्फ 24 घंटे की मोहलत दी है. अब इंडिगो को शो-कॉज नोटिस का पूरा और विस्तृत जवाब सोमवार 8 दिसंबर 2025 को शाम 6 बजे तक अनिवार्य रूप से जमा करना होगा.

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 'तो बिना पक्ष सुने होगी कार्रवाई'

इसके साथ ही DGCA ने इंडिगो को साफ चेतावनी देते हुए कहा कि एयरलाइन को कोई और मोहलत नहीं दी जाएगी. यदि निर्धारित वक्त तक संतोषजनक और पूर्ण जवाब नहीं मिला तो नियामक बिना पक्ष सुने एकतरफा (ex-parte) कार्रवाई करेगा.

6 दिसंबर को जारी किया गया था नोटिस

बता दें कि DGCA ने 6 दिसंबर को कई दिनों से चली आ रही उड़ान रद्दी, देरी, यात्रियों का फंसना और बैगेज गुम होने की घटनाओं के लिए नोटिस जारी किया था. माना जा रहा है कि जवाब संतोषजनक न होने पर सीईओ और अकाउंटेबल मैनेजर पर भारी जुर्माना या अन्य कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

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