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दिल्ली प्रदूषण: क्लाउड सीडिंग को सरकार तैयार, IMD की मंजूरी का इंतजार, BJP-AAP में तीखी बयानबाजी

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक को लागू करने का फैसला किया है, लेकिन IMD की मंजूरी का इंतजार है. इस बीच AAP और BJP के बीच प्रदूषण को लेकर तीखी बयानबाजी जारी है. AAP ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, जबकि BJP ने पराली जलाने को मुख्य कारण बताया है.

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दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की तैयारी. (Photo: AI-generated)
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की तैयारी. (Photo: AI-generated)

दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर फिर से खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. स्मॉग की चादर ने शहर को घेर लिया है, जिसके चलते सरकार ने क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) को तत्काल लागू करने का फैसला लिया है. वहीं, प्रदूषण बढ़ने से राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई है.

दिल्ली AAP अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सरकार पर निशाना साधा, 'सरकार झूठ बोलती है. दिवाली के बाद प्रदूषण ठीक करने के लिए कृत्रिम वर्षा का वादा किया था. क्या हुई? नहीं. अगर कर सकते थे तो क्यों नहीं किया? क्या आप लोगों को बीमार बनाना चाहते हैं?'

उन्होंने दावा किया कि सरकार की निजी अस्पतालों से सांठगांठ है. भारद्वाज ने GRAP-2 लागू होने के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण में नाकामी का आरोप लगाया.

'ये AAP का धुआं है'

इसके जवाब में बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने AAP पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने पराली जलाने को मुख्य वजह बताते हुए AAP सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा, 'जब तक अरविंद केजरीवाल शासित पंजाब पराली जलाना बंद नहीं करेगा, दिल्ली और एनसीआर घुटती रहेगी. दीपावली को दोष मत दो- ये आम आदमी पार्टी का धुआं है, न कि त्योहार के दीपों या पटाखों का. उनकी काली छाया अभी-भी राजधानी पर मंडरा रही है.'

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सूत्रों के मुताबिक, 24 से 26 अक्टूबर के बीच मौसम के अनुकूल रहने की संभावना को देखते हुए सभी तकनीकी और जमीनी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पूरी टीम और मशीनरी स्टैंडबाय मोड में है और अब केवल भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) से अनुमति का इंतजार है.

दरअसल, क्लाउड सीडिंग एक मौसम संशोधन तकनीक है, जिसमें बादलों में सिल्वर आयोडाइड जैसे रसायनों को छिड़ककर कृत्रिम बारिश पैदा की जाती है. दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को तैयार किया है, जिसके तहत उत्तर-पश्चिम दिल्ली के प्रदूषण प्रभावित इलाकों (जैसे रोहिणी, बावना, अलीपुर) में पांच ट्रायल उड़ानें आयोजित की जानी हैं.

प्रत्येक उड़ान लगभग 90 मिनट की होगी और 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगी. डीजीसीए (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने पहले ही मंजूरी दे दी है, लेकिन IMD की हरी झंडी के बिना उड़ानें संभव नहीं.

इससे पहले पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'हम पूरी तरह तैयार हैं. IMD के अनुमोदन और उपयुक्त बादल परिस्थितियों का इंतजार है. पहला ट्रायल दिवाली के अगले दिन या उसके बाद हो सकता है.' ये प्रोजेक्ट 3.21 करोड़ रुपये का है, जिसमें 2.75 करोड़ ट्रायल के लिए और बाकी लॉजिस्टिक्स के लिए आवंटित हैं. IMD रीयल-टाइम डेटा जैसे बादल का प्रकार, ऊंचाई, हवा की दिशा और ओस बिंदु प्रदान करेगा.

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