बेंगलुरु की 64वीं सेशन कोर्ट ने सोमवार को अभिनेता दर्शन, पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण और गैरकानूनी भीड़ बनाने के आरोप तय किए हैं. ये मामला रेणुकास्वामी मर्डर केस से जुड़ा है. सभी 17 आरोपियों ने आरोपों से इनकार किया है. इस केस का ट्रायल (मुख्य मुकदमा) 10 नवंबर से शुरू होगा.
क्या हुआ था
पीड़ित 33 साल के रेणुकास्वामी चित्रदुर्ग के रहने वाले थे और अभिनेता दर्शन के फैन थे. उन्हें 9 जून 2024 को बेंगलुरु में एक नाले के पास मृत पाया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक रेणुकास्वामी ने दर्शन की करीबी पवित्रा गौड़ा को आपत्तिजनक संदेश भेजे थे. इसी वजह से उनका अपहरण किया गया और उन्हें यातनाएं दी गईं जिससे उनकी मौत हो गई.
कोर्ट में क्या हुआ
सुनवाई की शुरुआत एक भरी हुई अदालत में हुई. जज आईपी नाइक ने भीड़ देखकर नाराजगी जताई और कहा कि इतने लोगों के बीच चार्ज कैसे तय किए जा सकते हैं?. उन्होंने उन वकीलों से बाहर जाने को कहा जिनका इस केस से कोई लेना-देना नहीं था. जज ने चेतावनी दी कि अगर भीड़ बनी रही तो सुनवाई टाल दी जाएगी और जरूरत पड़ी तो इन-कैमरा (बंद कमरे में) सुनवाई की जा सकती है.
क्या हैं आरोप
जब कोर्ट में व्यवस्था हुई तब जज ने पहले आरोपी पवित्रा गौड़ा पर लगे आरोप पढ़े. कोर्ट के मुताबिक रेणुकास्वामी ने उन्हें अश्लील संदेश भेजे थे जिसके बाद उनका अपहरण कर बेंगलुरु के एक शेड में ले जाया गया और उनकी पिटाई की गई. जज ने कहा कि उन्हें चप्पलों और लकड़ी के तख्ते से पीटा गया जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और उनकी मौत हो गई.
चार्ज के मुताबिक पवित्रा गौड़ा ने रेणुकास्वामी को चप्पल से मारा. दर्शन ने उनकी पैंट उतारी और उनके निजी अंगों पर हमला किया जिससे उनकी मौत हुई. कोर्ट ने ये भी बताया कि कुछ आरोपियों को पैसे का लालच देकर झूठा कबूलनामा देने को कहा गया था.
आगे क्या हुआ
सभी 17 आरोपियों ने आरोप मानने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने चार्ज तय करने की प्रक्रिया पूरी की जिसके बाद दर्शन, पवित्रा गौड़ा और सात अन्य आरोपियों को फिर से जेल भेज दिया गया. अब केस की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी, जिस दिन से इस मामले का ट्रायल शुरू होगा.