सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी काफी तेज हो गई है. बिहार डीजीपी पर शिवसेना सांसद संजय राउत के आरोप-प्रत्यारोप के बीच नीतीश सरकार खुलकर गुप्तेश्वर पांडे के समर्थन में आ गई है. बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि अब तक सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में बिहार डीजीपी ने जो भी काम किया है वह पूरे तरीके से कानून के मुताबिक है.
नीरज कुमार ने कहा, 'कानून के मुताबिक बिहार सरकार को इस बात का अधिकार है कि वह सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में प्राथमिकी दर्ज करे और इसका अनुसंधान करे. इस मामले में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे समेत पटना पुलिस के चार अधिकारी जिन्होंने मुंबई जाकर मामले की जांच की, सब कानून सम्मत है.'
इससे पहले रविवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे पर जोरदार हमला करते हुए कहा था कि वह जिस तरीके से खाकी वर्दी पहनकर टीवी चैनल्स के डिबेट में बैठते हैं, वह पुलिस मैनुअल के मुताबिक अनुशासनहीनता है.

संजय राउत ने गुप्तेश्वर पांडे पर हमला करते हुए कहा कि उनकी कार्यशैली से ऐसा लगता है कि वह बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. 2009 में उन्होंने पुलिस की नौकरी से समय से पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था, ताकि वह बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकें, मगर उन्हें बीजेपी का टिकट नहीं मिला.
सुशांत-अंकिता क्यों हुए अलग? इसकी भी होनी चाहिए जांच: संजय राउत
संजय राउत ने आगे कहा था कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और उन्हें जेडीयू से टिकट मिल सकता है.
संजय राउत के आरोप पर बोले बिहार डीजीपी- मुझे भले गाली दो, मगर सुशांत को न्याय चाहिए
वहीं बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने आरोप का जवाब देते हुए कहा है कि उन्हें भले ही गाली दी जाए, लेकिन वो सुशांत सिंह राजपूत के साथ न्याय के लिए लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा है कि शिवसेना सांसद उन पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं, जिसका जवाब देना वह उचित नहीं समझते.