
सिद्धार्थ आनंद निर्देशित फिल्म 'पठान' ने अपनी रिलीज के पांच दिनों के अंदर ही दुनिया भर में तकरीबन 550 करोड़ रुपये की कमाई कर ली. कई महीनों तक सोशल मीडिया पर इस फिल्म के बॉयकॉट का अभियान चला. यहां तक कि, फिल्म की रिलीज से पहले कई संगठनों ने धमकी भी दी थी कि अगर इसे रिलीज किया गया तो सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की जाएगी. रिलीज के दिन कई शहरों से तोड़फोड़ और बवाल की खबरें भी आईं.
रिकॉर्ड कमाई और बॉयकॉट के बवाल के बीच, अब एक घायल शख्स की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. इस फोटो को शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि अगर कोई व्यक्ति 'पठान' फिल्म देखने गया तो उसका यही हाल किया जाएगा.
तस्वीर में किसी युवक की पीठ दिख रही है जिस पर चोट के लाल निशान हैं. इसके साथ लिखा है, 'चेतावनी चेतावनी अगर आप पठान फिल्म देखने जा रहे हो तो अपने रिस्क पर जाएं कल यह भाई पहला दिन पहला शो देख कर आया है'. साथ ही, नीचे लिखा है, 'पठान फिल्म देखने गया एक बाबु का सोना'.
एक इंस्टाग्राम यूजर ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा, "पठान फिल्म अपनी रिस्क पर देखे. जय हिंदु एकता"

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि ये फोटो न तो हाल-फिलहाल की है और न ही इसका 'पठान' फिल्म से कुछ लेना-देना है. ये जुलाई 2022 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुई एक घटना की तस्वीर है जिसमें एक मुस्लिम शख्स ने चोरी के शक की वजह से कथित तौर पर अपने आदिवासी किराएदार को पीटा था.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें 'दैनिक भास्कर' की साल 2022 की एक रिपोर्ट में मिली.
रिपोर्ट में बताया गया है कि ये मामला इंदौर के तेजाजी नगर का है जहां नाजिम खान नाम के एक शख्स ने अपने घर में किराएदार के तौर पर रहने वाले आदिवासी छात्र को पीटा था. दरअसल नाजिम का नौ साल का बेटा ऑनलाइन गेम में 50 हजार रुपये हार गया था. उसने ये रकम अपने पिता के अकाउंट से ट्रांस्फर की थी.
बच्चा बार-बार पिता का फोन लेकर किराएदार के तौर पर रहने वाले आदिवासी युवक के पास जाता था, इसलिए नाजिम को शक हुआ कि उनके किराएदार ने बच्चे से अपने अकाउंट में पैसे ट्रांस्फर करवा लिए हैं.
नाजिम खान ने आदिवासी छात्र को बंधक बनाकर अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट की. छात्र के प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल भी डाला.
'दैनिक भास्कर' की इस रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर की तुलना वायरल फोटो से करने पर साफ पता लगता है कि ये दोनों एक ही हैं.

'दैनिक भास्कर' की ही एक दूसरी रिपोर्ट में बताया गया है कि नौ जुलाई, 2022 को हुई इस घटना को लेकर 'राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग' ने इस मामले में कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर से इस घटना की पूरी जानकारी मांगी थी.
इस घटना को लेकर 'आज तक', 'पंजाब केसरी' और 'वन इंडिया' जैसी कई अन्य मीडिया वेबसाइट्स में भी खबर छपी थी.
कुल मिलाकर बात साफ है, जुलाई, 2022 की एक पुरानी घटना से संबंधित तस्वीर को फिल्म 'पठान' से जोड़कर लोगों में दहशत फैलाने की कोशिश की जा रही है.