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फैक्ट चेक: महिला हेल्थ वर्कर को लेकर वायरल हो रही पोस्ट का ये है सच

वायरल तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि महिला का नाम डॉ. वंदना तिवारी है. वह पिछले सप्ताह ही उत्तर प्रदेश में कोरोना टेस्ट के लिए गई थीं, जहां इस्लामिक जिहादियों ने उस पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था, महिला की 9 अप्रैल को मौत हो गई है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
डॉ. वंदना तिवारी पर इस्लामिक जिहादियों ने यूपी में हमला किया था जिसके बाद कोरोना वायरस से उनकी मौत हो गई.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
फार्मासिस्ट वंदना तिवारी की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है.

सोशल मीडिया पर अस्पताल के बेड पर पड़ी एक महिला की तस्वीर वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि महिला का नाम डॉ. वंदना तिवारी है. वह पिछले सप्ताह ही उत्तर प्रदेश में कोरोना टेस्ट के लिए गई थीं, जहां इस्लामिक जिहादियों ने उस पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था, महिला की 9 अप्रैल को मौत हो गई है.

ट्विटर पर कई यूजर्स जैसे Divakar mishra (Journalist) और प्रशांत तिवारी ने इस पोस्ट को शेयर किया है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही पोस्ट में किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है. यह घटना मध्य प्रदेश की है, इसका उत्तर प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है. यूपी पुलिस ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है.

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यह बात सही है कि महिला का नाम वंदना तिवारी है और उसकी मौत हो चुकी है, लेकिन इसके अलावा पोस्ट किए जा रहे सभी दावे गलत हैं.

फार्मासिस्ट वंदना तिवारी के पति लोकेंद्र ने शर्मा ने आजतक को बताया कि वंदना की मौत कोरोना वायरस से नहीं बल्कि ब्रेन हैमरेज से हुई है. वंदना मध्य प्रदेश के शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज में दिन-रात जुटी हुई थीं. वे 3 साल के अपने बच्चे को घर छोड़ कर खुद मेडिकल कॉलेज में ही रह रही थीं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 31 मार्च की रात उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ, जिसके बाद उन्हें 1 अप्रैल को बेहतर इलाज के लिए ग्वालियर रेफर किया गया था.

6 अप्रैल को प्रकाशित इस मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वो दो दिन से कोमा में थीं, जिसके बाद 7 अप्रैल को उनकी मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स में कहीं भी उन पर इस्लामिक जिहादियों के हमले का जिक्र नहीं है और न ही ऐसा कहा गया है कि उन्हें कोरोना वायरस था.

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वंदना का मृत्यु प्रमाण पत्र भी आजतक को प्राप्त हुआ जिसे यहां देखा जा सकता है.

लोकेंद्र ने वंदना के यूपी जाकर कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने और उन पर जिहादियों के हमले जैसे दावे से भी साफ इनकार किया है.

(अपडेट: हेल्थ वर्कर वंदना तिवारी डॉक्टर नहीं फार्मासिस्ट थीं. हम यह जानकारी खबर में अपडेट कर रहे हैं.)

(मध्य प्रदेश से सर्वेश पुरोहित के इनपुट के साथ)

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