कांवड़ यात्रा में आए दिन हिंसा की घटनाएं देखने को मिल रही हैं. कहीं कांवड़ियों द्वारा किसी की गाड़ी पर हमला करने की खबर है तो कहीं कांवड़ियों के दो गुटों की आपस में हाथापाई की. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है जिसमें पुलिस भीड़ पर लाठीचार्ज करती दिख रही है. सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि ये घटना बरेली की है और पुलिस जिनपर लाठीचार्ज कर रही है वो कांवड़िये हैं.
वायरल वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “बरेली में उत्तरप्रदेश पूलिस ने कावड़ियों को दोड़ा दोड़ा कर पीटा. कावड़िए दारू पीए हुए थे. इनके पास अवैध हथियार भी थे जितना आतंक भारत में चारों तरफ, कावड़ियों ने बना कर रखा है उतना आतंक कोई देश हमारे भारत पर नहीं मचता”.
इन्हीं दावों के साथ वायरल वीडियो को फेसबुक पर भी शेयर किया गया है. ऐसे के पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि कांवड़ियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की ये घटना है तो बरेली की ही, लेकिन ये मामला जुलाई 2023 का है.
कैसे पता चली सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स करने पर हमें यही वीडियो जुलाई 2023 की कई मीडिया रिपोर्ट्स में मिला. इससे ये बात तो यहीं साफ हो गई कि ये मामला हाल-फिलहाल का नहीं बल्कि एक साल पुराना है. अमर उजाला की 30 जुलाई 2023 की रिपोर्ट से हमें पता चला कि ये घटना बरेली में ही हुई थी.
आजतक की खबर के अनुसार, ये विवाद मुस्लिम इलाके से कांवड़ यात्रा निकालने को लेकर हुआ था. मुस्लिम इलाके से कांवड़ यात्रा निकाले जाने पर मुस्लिम समुदाय ने आपत्ति जताई थी, मगर कांवड़िये मान नहीं रहे थे. मुस्लिम समुदाय को डीजे के साथ कांवड़ निकाले जाने पर आपत्ति थी.
अमर उजाला की खबर में बताया गया है कि शाम 5 बजे तक ये रस्साकशी चली थी, तभी कांवड़ियों के बीच मौजूद अराजक तत्वों ने फायरिंग कर दी, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. मीडिया रिपोर्ट्स में लाठीचार्ज के कई वीडियोज दिखाए गए हैं.
उस वक्त तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने फायरिंग होने का दावा किया था और लाठीचार्ज के आदेश दिए थे. “द इंडियन एक्सप्रेस” की खबर के मुताबिक, इस मामले में दो एफआईआर भी दर्ज हुई थी.
इसके साथ ही 31 जुलाई को प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया था और बारादरी थाने के इंस्पेक्टर अभिषेक सिंह और जोगी नवादा चौकी प्रभारी अमित कुमार को निलंबित कर दिया गया था. हमने देखा कि वायरल वीडियो को पिछले साल का बताते हुए बरेली पुलिस ने भी एक्स पर वायरल दावे का खंडन किया है.
इसके बाद हमने आजतक के बरेली संवाददाता कृष्ण गोपाल राज से संपर्क किया. उन्होंने भी हमें यही बताया कि ये घटना जुलाई 2023 की है. उन्होंने ये भी कहा कि हाल-फिलहाल में कांवड़ियों ने बरेली में छुटपुट प्रदर्शन तो किये हैं मगर लाठीचार्ज जैसी कोई घटना नहीं हुई.