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फैक्ट चेक: चाय में नींबू और बेकिंग सोडा पीने से नहीं मरता कोरोना वायरस

वायरल पोस्ट में किए गए सभी दावे गलत हैं. कोरोना वायरस के कारण इजरायल में भी मौतें हुई हैं. विटामिन-सी के पूरक के रूप में गर्म पानी या चाय में नींबू का रस लेने से कोरोना वायरस के संक्रमण या प्रसार को प्रभावित नहीं किया जा सकता है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
इजरायल में कोरोना वायरस से कोई मौत नहीं हुई क्योंकि वे लोग चाय में नींबू और बेकिंग सोडा मिलाकर पीते हैं. यह मिश्रण कोरोना वायरस को मारता है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
9 जून तक इजराइल में कोरोना से 298 मौतें और 18,089 केस दर्ज हो चुके हैं. इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि चाय में नींबू और बेकिंग सोडा पीने से कोरोना को मारा जा सकता है.

कोरोना वायरस की वैक्सीन अब भी खोजी नहीं जा सकी है. लेकिन जबसे कोरोना वायरस महामारी फैली है तभी से सोशल मीडिया पर इसके लिए घरेलू नुस्खों की भरमार है. इसी तरह का एक नया नुस्खा सामने आया है.

फेसबुक और वॉट्सएप पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण इजरायल में एक भी मौत नहीं हुई है, क्योंकि वे लोग चाय में नींबू और बेकिंग सोडा मिलाकर पी रहे हैं. इस दावे में कहा जा रहा है कि यह मिश्रण कोरोना वायरस को मारता है.

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा गलत है. 9 जून तक इजरायल में कोरोना वायरस के कारण 298 मौतें हो चुकी हैं. इसके अलावा, यह साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि चाय में नींबू और बेकिंग सोडा का मिश्रण मिलाकर पीने से वायरस को मारा जा सकता है.

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कई फेसबुक यूजर्स ने इसी तरह का कंटेंट शेयर किया है और बहुत से लोग इसे सही मानकर शेयर भी कर रहे हैं.

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इस वायरल पोस्ट में किए गए हर दावे को AFWA खारिज करता है.

इजराइल में कोरोना

इस दावे में कहा गया है, “इजरायल में कोविड-19 से कोई मौत नहीं हुई है. अब इजरायल से जानकारी मिली है कि वहां इस वायरस के चलते कोई मौत नहीं हुई है.”

यह सच नहीं है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 9 जून तक कोरोना वायरस की वजह से इजरायल में 298 मौतें हुई हैं और संक्रमण के कुल 18,089 मामले दर्ज हुए हैं.

नींबू और सोडा का नुस्खा

इस पोस्ट का दावा है कि “गर्म चाय में नींबू और बाईकार्बोनेट का मिश्रण मिलाकर सेवन करें. यह वायरस को मारता है और रात को शरीर अम्लीय हो जाता है जिसे यह क्षारीय बनाकर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है.”

लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि चाय में नींबू और बेकिंग पाउडर मिलाकर पीने से कोरोना वायरस को मारा जा सकता है. नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है और बहुत से लोग मानते हैं कि यह सामान्य सर्दी में फायदेमंद है. लेकिन यह बहस का विषय है कि क्या यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले वायरस के इलाज में भी कारगर है?

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एक नींबू में करीब 30 मिलीग्राम विटामिन-सी होता है. संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, प्रतिदिन 200 मिलीग्राम विटामिन सी की खुराक सामान्य आबादी में आम तौर पर होने वाली सर्दी को कम नहीं करती है. इस अध्ययन के अनुसार, विटामिन सी की खुराक सामान्य सर्दी की अवधि और इस बीमारी की गंभीरता को कम कर सकती है, लेकिन यह तथ्य अब भी वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं है कि नींबू का रस श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले वायरस को मार सकता है.

क्या नींबू प्रतिरक्षा प्रणाली को क्षारीय बनाता है?

मनुष्य में रक्त की अम्लता (acidity) को उसके पीएच से मापा जाता है. अगर पीएच कम है तो इसका मतलब है कि खून में एसिड ज्यादा है. अगर पीएच ज्यादा है तो इसका मतलब है कि​ खून ज्यादा क्षारीय है. खून में पीएच का स्तर करीब 7.4 होना चाहिए, इस तरह मानव शरीर थोड़ा क्षारीय होता है.

अध्ययन के अनुसार, जब तक व्यक्ति एसिडोसिस जैसी कुछ खास मेडिकल कं​डीशन से पीड़ित न हो, जिसमें पीएच स्तर गिरता है, तो मानव शरीर के पीएच को प्रभावी रूप से खानपान के जरिए परिवर्तित किया जाना असंभव है.

इसलिए यह दावा गल​त है कि नींबू प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को क्षारीय बना सकता है.

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निष्कर्ष

जाहिर है कि वायरल पोस्ट में किए गए सभी दावे गलत हैं. कोरोना वायरस के कारण इजरायल में भी मौतें हुई हैं. विटामिन-सी के पूरक के रूप में गर्म पानी या चाय में नींबू का रस लेने से कोरोना वायरस के संक्रमण या प्रसार को प्रभावित नहीं किया जा सकता है.

इसके अलावा, नींबू और सोडियम बाईकार्बोनेट या बेकिंग सोडा के मिश्रण से प्रतिरक्षा प्रणाली का पीएच स्तर नहीं बदलेगा. इसलिए नींबू वाले नुस्खे से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है, इस नुस्खे का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.

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