
दूधिया रोशनी में नहाई चट्टानों की एक अद्भुत तस्वीर को शेयर करते हुए कुछ लोग कह रहे हैं कि अंतरिक्ष से हिमालय पर्वत ऐसा दिखता है. एक फेसबुक यूजर ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा, “अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से हिमालय का दृश्य”.

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर जिस फोटो को लोग अंतरिक्ष से हिमालय पर्वत का नजारा बताकर शेयर कर रहे हैं, उसे एक जर्मन ग्राफिक डिजाइनर ने सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया था.
फेसबुक और ट्विटर दोनों ही जगह ये तस्वीर काफी वायरल है.
क्या है सच्चाई?
रिवर्स सर्च करने पर ये फोटो हमें ‘पिक्सेल्स’ नाम की एक आर्ट वेबसाइट पर मिली. यहां इस फोटो के साथ साफ लिखा है कि ‘हिमालयाज’ नाम की ये कलाकृति एक तरह का 3-डी कम्प्यूटर आर्टवर्क है. ये भी लिखा है कि इसे क्रिस्टॉफ हॉमन ने सैटेलाइट डेटा की मदद से बनाया था.
क्रिस्टॉफ हॉमन की वेबसाइट पर भी इस फोटो को देखा जा सकता है.
क्रिस्टॉफ जर्मनी के रहने वाले हैं. उनका काम काफी अलग है. वो धरती के अलग-अलग हिस्सों को सॉफ्टवेयर्स की मदद से दर्शाते हैं. इस काम को जियोविजुअलाइजेशन कहते हैं.
हाल ही में नासा के अंतरिक्ष यात्री और फ्लाइट इंजीनियर मार्क टी वैंडे हे ने ट्विटर पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से ली गई हिमालय की तस्वीर शेयर की थी. इसे नीचे देखा जा सकता है.
‘एएफपी’ वेबसाइट भी इस दावे की सच्चाई बता चुकी है. हमारी पड़ताल से ये बात साफ हो जाती है कि कम्प्यूटर की मदद से बनाई गई एक डिजिटल तस्वीर को अंतरिक्ष से हिमालय का दृश्य बताया जा रहा है.