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फैक्ट चेक: जुमे की नमाज का चार साल पुराना वीडियो कोरोना वायरस से जोड़कर वायरल

इन दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. वीडियो में सड़क पर कुछ लोगों को नमाज पढ़ते देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि चीन में कोरोना वायरस के डर से बसें भर-भर कर लोग नमाज पढ़ने आ रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
चीन में लोग कोरोना वायरस के डर से सड़क पर नमाज पढ़ रहे हैं, वीडियो वायरल
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वायरल वीडियो करीब चार साल पुराना है और इसका कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है.

भारत समेत कई देशों के लिए कोरोना वायरस से लड़ना जितनी बड़ी चुनौती बन गया है, उतनी ही बड़ी चुनौती सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं इससे जुड़ी भ्रामक खबरें हैं. इन दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. वीडियो में सड़क पर कुछ लोगों को नमाज पढ़ते देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि चीन में कोरोना वायरस के डर से बसें भर-भर कर लोग नमाज पढ़ने आ रहे हैं.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो बेशक चीन का है, लेकिन यह वीडियो करीब चार साल पुराना है. वीडियो में लोगों को शुक्रवार की नमाज पढ़ते देखा जा सकता है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक यूजर "शीबा कुरैशी" ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा: "बसें भर भर के नमाज पड़ने आ रहे हैं, क्या ये चायना हैं? झुंड के झुंड अपनी मर्जी से इस्लाम अपना रहे हैं, इस्लाम वो पौधा है काटोगे तो हरा होगा!! ये वही सक्कर चीनी लोग है जो इस्लाम को मिटाने चले थे आज कोरोना की डर से लाखों लाख लोग एक साथ इस्लाम कुबूल रहे है!!"

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यह वीडियो फेसबुक पर मिलते जुलते दावों के साथ काफी वायरल है.

वायरल वीडियो को रिवर्स सर्च करने पर हमें यह वीडियो Pemuda Hamas नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिल गया. यह वीडियो 20 अक्टूबर 2016 को अपलोड किया गया था. वीडियो के कैप्शन के अनुसार यह वीडियो चीन में शुक्रवार को होने वाली नमाज का है.

हमें यह वीडियो Mudhiatul Fata नाम के एक ब्लॉग पर छपे आर्टिकल में भी मिला. इसके अनुसार वीडियो निंगशियान के किसी मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करते चीनी मुसलमानों का है. कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए पिछले कुछ महीनों से चीन में इस तरह झुंड में एकत्रित होने की अनुमति नहीं दी जा रही है. ऐसे में इतनी तादाद में लोगों का इकट्ठा होकर नमाज पढ़ना मुश्किल लगता है.

पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल वीडियो बेशक चीन का है, लेकिन वीडियो चार साल पुराना है और इसका कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है.

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