पिछले साल फरवरी और मार्च महीने में, आगरा सेंट्रल जेल में अभिषेक बच्चन की फिल्म दसवीं की शूटिंग हुई थी. इसकी कहानी एक नेता के इर्द-गिर्द घूमती है, जो जेल में रहते हुए दसवीं की परीक्षा पास करता है. बाद में कैदियों के लिए भी जेल के अंदर फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई थी. फिल्म से प्रेरित जेल के दस कैदियों ने लगन से पढ़ाई की और 10वीं की परीक्षा कर ली है. जेल से मिली इस सकारात्मक खबर पर अभिषेक बच्चन ने रिएक्ट किया है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए आगरा सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट वीके सिंह ने बताया कि दसवीं फिल्म देखने के बाद कुछ कैदियों ने 10वीं की परीक्षा देने का फैसला लिया. इन 10 कैदियों में से 9 ने परीक्षा पास की है. तीन कैदी फर्स्ट डिविजन से और बाकी 6 कैदी सेकेंड डिविजन से पास हुए हैं.
तीन ने पास की 12वीं की परीक्षा
तीन कैदियों ने 12वीं की परीक्षा दी और सभी सेकेंड डिविजन से पास हो गए हैं. इन कैदियों के लिए जेल कैंपस में परीक्षा का आयोजन किया गया था. परीक्षा देने वाले लगभग सभी कैदियों ने अभिषेक की फिल्म को अपने अंदर आए इस बदलाव का क्रेडिट दिया है. खुद अभिषेक बच्चन ने इसे एक सकारात्मक बदलाव कहकर कैदियों की तारीफ की है. फिल्म के डायरेक्टर तुषार जलोटा ने सभी को बधाई दी.
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फिल्म का समाज पर पॉजिटिव इंपैक्ट
सोशल एक्टिविस्ट समीर ने कहा कि इस वक्त जहां कुछ फिल्में राष्ट्रवाद के नाम पर बेहूदा और विभत्स हिंसा को बढ़ावा दे रही है, वहीं दसवीं जैसी फिल्म देशवासियों के लिए ताजगी भरे एहसास लेकर आई. अपराध करने वालों के बदले मन और शिक्षा ग्रहण कर अपनी जिंदगी को वापस संवारने का यह फैसलस, समाज पर दसवीं के पॉजिटिव इंपैक्ट को साफ दर्शाता है.